शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष पार्टी कांग्रेस में सियासी घमासान जारी है। अब ओबीसी वर्ग की गणना के आदेश पर सियासी संग्राम मच गया है। इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

उन्होंने कहा है कि सरकार के पास ऐसी कौन सी जादू की छड़ी है जो एक सप्ताह में जनसंख्या की गणना कर देगा। कहा फर्जी आंकड़े देकर कोर्ट और निर्वाचन आयोग को गुमराह करेगी बीजेपी की सरकार।

बता दें कि ओबीसी मामले को लेकर एमपी सरकार ने जातिगत सर्वे का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने कलेक्टरों को जिम्मेदारी दे दी है। प्रदेश के सभी जिलों से 7 जनवरी तक ओबीसी वोटरों की गणना रिपोर्ट मांगी गई है। 22 हजार पंचायत सचिव, 12 हजार पटवारी और 20 हजार रोजगार सहायक 10 दिन के अंदर शासन को देंगे पूरी जानकारी।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के रोटेशन और परिसीमन के आदेश को अध्यादेश लाकर बदला गया उसे सरकार पहले वापस ले। प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की गिनती कराने का जो कार्य कराया जा रहा है, वो मात्र पंचायत चुनाव में पिछड़े वर्ग के आरक्षण को खत्म होने के कारण उन्हें गुमराह करने के लिये किया जा रहा है। जबकि शासन द्वारा गठित पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग गैर संवैधानिक संस्था है। उसके नाम पर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की गिनती कराना न्यायसंगत नहीं है, क्योंकि गिनती मतदाता सूची के आधार पर कराई जाएगी जबकि मतदाता सूची में जाति या वर्ग का कोई उल्लेख नहीं है। यह कार्य सिर्फ नाम के लिये कराया जा रहा है जो उचित नहीं है। सरकार को यह कार्य मप्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से कराना चाहिये जो कि एक संवैधानिक आयोग है। मप्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जेपी धनोपिया है।

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