सुप्रिया पांडेय, रायपुर. प्रदेश में शराबबंदी से पहले सरकार नशामुक्ति अभियान चलाएगी. समाज कल्याण विभाग ने इसके लिए कवायद तेज करते हुए राज्य और जिलास्तर पर नोडल अफसरों की नियुक्ति की है. इसके साथ हर गांव में भारत माता वाहिनी के गठन की तैयारी चल रही है.

बता दें कि वाहिनी के गठन के लिए पहले चरण में दो हजार से अधिक जनसंख्या वाले करीब 10 हजार ग्राम पंचायतों का चयन किया जा रहा है. स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से सभी जिलों में 15 बिस्तर वाले नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की जाएगी.

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दरअसल, कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले 2018 के घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा किया गया था, जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरती नजर आ रही है. शराबबंदी को लेकर सरकार के अभियान पर बीजेपी का कहना है कि सरकार आम जनता के साथ बेईमानी कर रही है.

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सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा किया था. दबाव बढ़ने पर वाहिनी बनाकर जन जागरण में आने के बाद सरकार कह रही है. लोगों में जन जागरूकता है, जागरूकता राजीव भवन से लेकर कांग्रेस के लोगों में फैलाने की जरूरत है.

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वहीं इस अभियान को लेकर कांग्रेस का कहना है कि 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था, कि हम छत्तीसगढ़ को पूर्ण शराबबंदी की ओर ले जाएंगे, साथ ही उसमें हमने यह भी स्पष्ट रूप से लिखा था कि जो 5वीं अनुसूचि की पंचायतें हैं, वहां लोगों को जागरूक कर, रायशुमारी कर ही इसे लागू किया जाएगा.

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फिलहाल छत्तीसगढ़ सरकार इसको लेकर जागरूकता अभियान चला रही है. भाजपा पर पटलवार करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के लोग अवैध शराब तस्करी करते आ रहे हैं, एकाएक शराबबंदी से तस्करों को बढ़ावा मिलेगा, इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार इस पर पूरी तरह से सोच विचार कर फैसला लेगी.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी विपक्ष को जवाब देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि शराब बंदी को लेकर लोगों से राय शुमारी की जाएगी, बिना जनता का मत जाने इसे लागू नहीं किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में नोटबंदी की तरह शराबबंदी नहीं की जा सकती.