शिखिल ब्यौहार। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर मध्यप्रदेश में सियासत शुरू हो गई। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि आखिर लोकसभा चुनावों के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन नेताओं की याद क्यों आई ? दो माह बाद वोटों की फसल काटने के लिए बीजेपी अब कांग्रेस के महापुरुषों की चोरी कर रही है। इधर, बीजेपी ने कांग्रेस के इस बयान को ओछी मानसिकता बताया है।
सीएम के बयान से शुरू हुई सियासत
दरअसल, भारत रत्न की घोषणा पर सियासत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बयान से शुरू हुई। सीएम ने दिल्ली से जारी बयान में कहा कि पीवी नरसिम्हा राव के पोते ने ट्वीट कर साफ किया कि कांग्रेस में उन्हें वो सम्मान नहीं मिला जिसके राव हकदार थे। बयान पर कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आखिर दिल और दिमाग हमेशा से खुला हुआ है। हमारा दिल दिमाग और किसी के रिमोट से संचालित नहीं होता।
लोकसभा चुनाव के समय आई महापुरुषों की याद- कांग्रेस
उन्होंने आगे कहा कि अब लोकसभा चुनाव दो माह का समय बचा है। लिहाजा सरकार को कांग्रेसी महापुरुषों की याद आई। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी यह तक भूल गए कि भारत रत्न की चयन की प्रक्रिया कैबिनेट के माध्यम से होती है। ट्वीट कर भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान की बेज्जती की गई।
कांग्रेस के चश्में में धूल, तभी ऐसी हालत- बीजेपी
कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया। प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कहा कि कांग्रेस की हालत ऐसी है कि अपने चश्मे की ही धूल साफ नहीं कर पाई। पीएम मोदी ने उन महापुरुषों को सम्मानित किया जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया। इसे दलगत राजनीति से नहीं तौलना चाहिए। सत्ता में रहते हुए कांग्रेस सभी इन महापुरुषों के लिए कुछ नहीं कर पाई।
दुर्गेश ने कहा कि यही कारण था कि पूर्व प्रधानमंत्री के शव को कांग्रेस के दिग्गजों ने पार्टी कार्यालय में दर्शन के लिए रखने से रोक दिया था। यह कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति की नजीता था। लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें सम्मानित करने का काम किया है।
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