शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पत्र पर सियासी पारा चढ़ने लगा है। दरअसल, कमलनाथ ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम पत्र लिख 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर शासकीय अवकाश की घोषणा की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि 2019 में कांग्रेस सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था, जिसे सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी सरकार में समाप्त कर दिया गया। इससे आदिवासी वर्ग में रोष व्याप्त है। इसे लेकर अब बीजेपी और कांग्रेस में सियासत शुरू हो गई है।

कांग्रेस ने लगाए ये आरोप

कांग्रेस ने सरकार पर आदिवासी विरोधी सरकार होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधि सलाहकार जेपी धनोपिया ने कहा कि बीजेपी आदिवासियों को वनवासी मानती है। यही कारण है कि आदिवासियों के सम्मान के इस अवकाश को खत्म कर दिया गया।

ये भी पढ़ें: विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश की मांगः कमलनाथ ने सीएम डॉ मोहन को लिखा पत्र

बीजेपी ने किया पलटवार

कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने पलटवार किया है। प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस को यह बात समझनी चाहिए कि 09 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय जनजाति दिवस है। इस अंतरराष्ट्रीय दिवस का भारतीय संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है। कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही बीजेपी सरकार की आदिवासियों के हित और विकास की योजनाओं को बंद करने का काम किया था। आदिवासी बच्चियों से जुड़ी योजनाओं को तक बंद करने का काम कमलनाथ की कांग्रेस सरकार ने किया।

ये भी पढ़ें: मोहन के मंत्री की संवेदनशीलता, VIDEO: सड़क पर पड़े घायल को देख रुकवाया काफिला, वाहन से पहुंचाया अस्पताल

अजय यादव ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी वर्ग के नेताओं को धोखा देना का काम कांग्रेस हमेशा से किया। कांग्रेसी सिर्फ आदिवासी वर्ग पर राजनीति करते हैं। उन्हें मूर्ख बनाने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस के लंबे शासनकाल में कई आदिवासी नेताओं को ठगने का काम किया गया। बीजेपी ने देश के राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद पर आदिवासी वर्ग को पहुंचा मान बढ़ाया। प्रदेश में बिरसा मुंडा जयंती कितने भव्य तरीके से मनाई जाती है यह पूरा देश जानता है। कांग्रेस 09 अगस्त को पड़ने वाले दिवस को लेकर कांग्रेसी अपना सामान्य ज्ञान दुरुस्त करें। फिर पत्र लिखकर अपनी राजनीति चमकाएं।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m