रायपुर। छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में PG कोटा को लेकर जारी नए आदेश पर विवाद खड़ा हो गया है. नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के पत्र पर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा है कि कांग्रेस नेताओं का पत्र लिखना पुरानी परंपरा है. स्टेट कोटा को सेंट्रल और स्टेट में मर्ज करने का आदेश दिया गया था. हमने कोर्ट में अपील की और अपील स्वीकार हो गई है. उच्च न्यायालय का फैसला आने तक हमने आदेश पर रोक लगा दी है. उम्मीद है राज्य का पूरा 50% कोटा वापस मिलेगा.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में PG कोटा को लेकर जारी नए आदेश से जूनियर डॉक्टर नाराज हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंंत से मुलाकात कर समस्याएं बताई थी. डॉ. महंत ने समस्याओं को समझते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर छात्रहित में आदेश वापस लेने का आग्रह किया था.

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छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए 50% सीट आरक्षित करे सरकार : महंत

छात्रों से मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने मुख्यमंत्री साय को लिखे पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेज में छत्तीसगढ़ के छात्रों को महज 25 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में बहुत कम है. उन्होंने छात्रहित में निर्णय की अपेक्षा व विश्वास करते हुए आग्रह किया है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए 50% सीट आरक्षित करें.

नए आदेश से राज्य के मेडिकल छात्रों को होगा नुकसान

दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक दिसंबर से पीजी सीटों की संरचना में बदलाव किया है. संशोधित नीति के तहत राज्य के लिए आरक्षित 50 प्रतिशत सीटों में से 25 प्रतिशत सीटों को ओपन मेरिट कोटे में रखा गया है. एसोसिएशन से जुड़े छात्रों का कहना है कि नया नियम बाहरी राज्यों से पढ़े उम्मीदवारों को भी ओपन मेरिट के माध्यम से समान रूप से प्रतिस्पर्धा का अवसर देता है. इससे राज्य के मेडिकल ग्रेजुएट्स को नुकसान होगा.