रायपुर. पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने प्रदेश में खराब सड़कों को लेकर कांग्रेस सरकार पर जमकार निशाना साधा. प्रेस कांफ्रेंस में डाॅ. रमन सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल 4 साल से मुख्यमंत्री हैं और जवाब रमन सरकार को देने कह रहे हैं. वे पूरे सड़क को डबरा बना रहे हैं. 2018 तक हमारी सरकार ने 1555 सड़के बनाई थी, अब कांग्रेस सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने 4 साल में कितनी सड़कें छत्तीसगढ़ में बनाई? डाॅ. रमन सिंह के बयान का पलटवार करते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राज्य में जल्द खराब सड़कों की मरम्मत की जाएगी. राज्य में 7184 सड़क कार्यों के लिए 13607.5 करोड़ रुपए के कार्य स्वीकृत हैं.

भारत जोड़ो यात्रा छत्तीसगढ़ नहीं आने पर डॉ. रमन सिंह ने कहा, राहुल गांधी को पता चल गया था कि छत्तीसगढ़ की सड़कें खराब है. यहां की सड़कों पर राहुल गांधी चल नहीं सकते इसलिए यहां नहीं आ रहे हैं. आज हालत यह है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने भेंट मुलाकात के लिए हेलीकॉप्टर पर निर्भर हैं. उनके पास भी सड़कों पर चलने का साहस नहीं है, क्योंकि वह इस बात को जानते हैं कि बीते 4 सालों में नई सड़क बनाना तो दूर उन्होंने पुरानी सड़कों का प्रबंधन भी ठीक से नहीं किया है.

पूर्व सीएम डाॅ. रमन सिंह ने कहा, 6211 गौरव पथ का निर्माण हमने किया. यह भारतीय जनता पार्टी की उपलब्धि रही है, सड़कों की लंबाई 5 गुना बढ़ाया. पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने दावा करते कहा कि पाटन विधानसभा में मुख्यमंत्री ने बस्तर-सरगुजा से ज्यादा खर्च किया है. बस्तर के 12 विधानसभा में 13 सौ करोड़ का बजट रखा जाता है, सरगुजा के 14 विधानसभा में 17 सौ करोड़ दिया गया. लेकिन सिर्फ पाटन विधानसभा में 17 सौ करोड़ से अधिक दिया गया.

पूर्व सीएम डाॅ. रमन ने कहा, 2018 तक हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 3250 किलोमीटर सड़क निर्माण किया और 1155 सड़के बनाई, लेकिन पिछले 4 सालों में भूपेश बघेल ने इस योजना में कितना कार्य किया है, हमारी सरकार ने 2 लेन सड़क की लंबाई 1251 किलोमीटर से 5 गुना बढ़ाकर 9271 किलोमीटर की. हमने प्रदेश के 124 ब्लॉक मुख्यालयों को 7 मीटर चौड़ी सड़क से जोड़ें. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2018-19 में हमारे सरकार के अंतिम बजट में लोक निर्माण विभाग को प्रदेश के विकास के लिए 7187 करोड़ का बजट दिया गया. वहीं यदि आप 4 वर्षों के कांग्रेस सरकार के बाद इनका बजट देखें तो 2022-23 में लोक निर्माण विभाग का बजट घटकर 6634 करोड़ कर दिया गया.

डाॅ. रमन सिंह ने कहा, आज प्रदेश की सड़कों की जो हालत है उसे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व भी स्वीकार कर रहा है. आप विचार कीजिए कि कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद वे छत्तीसगढ़ क्यों नहीं आ रहे हैं, क्योंकि राहुल गांधी यह मानते हैं कि छत्तीसगढ़ की सड़कें ज्यादा खराब है इसलिए उन्होंने छत्तीसगढ़ को भारत छोड़ो यात्रा से अलग रखा है. डाॅ. रमन ने कहा, बजट में पैसा नहीं है. रिपेयरिंग के लिए पैसा नहीं है. पूरा बजट पाटन जा रहा है. पूरे छत्तीसगढ़ के सड़कों के लिए फंड नहीं है. अब नोडल अधिकारी को डांटने से क्या होगा, जब तक उस सड़क के लिए बजट में प्रावधान नहीं होगा तब तक कैसे होगा.

पीडल्ब्यूडी मंत्री ने कहा – सड़कों के लिए 13607.5 करोड़ के कार्य स्वीकृत

पीडल्ब्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा, राज्य में 7184 सड़क कार्यों के लिए 13607.5 करोड़ रुपए के कार्य स्वीकृत हैं. इसके अंतर्गत 15 हजार 498 किलोमीटर सड़कों तथा पुल-पुलियों के कार्य किए जा रहे हैं. राज्य के बजट में शासन स्तर से 6155.59 करोड़ रुपए के 860 सड़कों तथा पुल-पुलियों के कार्य स्वीकृत हैं. इन सड़कों की लंबाई 2932 किलोमीटर है. राज्य के बजट से वार्षिक मरम्मत नवीनीकरण के 489.64 करोड़ रुपए के 1114 कार्य स्वीकृत हैं. इसमें कुल 2826 लंबाई की सड़कों के कार्य किए जा रहे हैं.

142 करोड़ की लागत से 541 सड़क के काम चल रहे
बजट में जारी स्वीकृतियों से 142 करोड़ रुपए की लागत से 541 कार्य किए जा रहे हैं. सीजीआरआईडीसीएल के तहत 5683 करोड़ रुपए की लागत वाले 520 कार्यों की स्वीकृति है. इसके अंतर्गत 3130 किलोमीटर लंबाई में कार्य किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के अंतर्गत 461.50 करोड़ रुपए की लागत के 3831 कार्य स्वीकृत हैं, 4132 किलोमीटर लंबाई में सड़क कार्य किए जा रहे हैं. राष्ट्रीय राजमार्गों में राज्य बजट से 20.84 करोड़ रुपए लागत के 02 कार्य स्वीकृत किए गए हैं.
मंत्री साहू ने कहा, आरसीपीएलडब्लूईए योजना के अंतर्गत राज्यांश राशि से 654.80 करोड़ रुपए लागत के 316 कार्य स्वीकृत हैं. 2478 किलोमीटर लंबाई के कार्य इसके अंतर्गत किए जा रहे हैं. इनमें 291 सड़कों तथा 25 पुलों के कार्य शामिल हैं. इन कार्यों की कुल लागत 1637 करोड़ रुपए है, जिसमें 60 प्रतिशत राज्यांश तथा 40 प्रतिशत केंद्रांश शामिल है.