अमृतसर। पंजाब में हवाओं में फिर से प्रदूषण अधिक महसूस हो रहा है। वायु प्रदूषण के मामले में राज्य में PM10 का स्तर “बहुत अस्वस्थ” श्रेणी में 144 के करीब दर्ज किया गया है, जबकि PM2.5 का स्तर 77 तक पहुंच गया है, जो “अस्वस्थ” श्रेणी में आता है। राज्य के आठ AQI जांच केंद्रों में से केवल अमृतसर और बठिंडा में ही हवा की गुणवत्ता बेहतर (100 AQI से कम) दर्ज की गई है। बाकी शहरों की हवा “मध्यम” श्रेणी में पाई गई है।

पलारी जलाने में आई कमी फिर भी बढ़ा प्रदूषण

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 16 अक्टूबर 2025 के बीच राज्य में पराली जलाने के सिर्फ 188 मामले दर्ज किए गए हैं। यह संख्या पिछले साल की इसी अवधि के 1,212 मामलों और 2023 के 1,388 मामलों की तुलना में लगभग 80% कम है। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरावट सख्त निगरानी, जुर्माने और जागरूकता अभियानों का नतीजा है, लेकिन सवाल यह है कि इसके बाद भी पंजाब के वायु प्रदूषण का ग्राफ क्यों बढ़ रहा है।

पंजाब के 8 प्रमुख शहरों का AQI

अमृतसर:

एवरेज AQI: 63

अधिकतम AQI: 59

हवा की गुणवत्ता “अच्छी” श्रेणी में।

बठिंडा:

एवरेज AQI: 88

अधिकतम AQI: 127

हवा “मध्यम से हल्की अस्वस्थ” श्रेणी में।

जालंधर:

एवरेज AQI: 135

अधिकतम AQI: 247

प्रदूषण का स्तर “अस्वस्थ” श्रेणी में।

खन्ना:

एवरेज AQI: 151

अधिकतम AQI: 245

हवा “अस्वस्थ” श्रेणी में दर्ज।

लुधियाना:

एवरेज AQI: 110

अधिकतम AQI: 120

मध्यम से अस्वस्थ श्रेणी में।

मंडी गोबिंदगढ़:

एवरेज AQI: 185

अधिकतम AQI: 224

“बहुत अस्वस्थ” श्रेणी में प्रदूषण।

पटियाला:

एवरेज AQI: 109

अधिकतम AQI: 120

मध्यम श्रेणी में हवा की गुणवत्ता।

रूपनगर:

एवरेज AQI: 101

अधिकतम AQI: 500

कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर अत्यधिक खतरनाक।