अभिषेक सेमर. तख़तपुर. वैसे तो बहुत से तालाब और झील हैं, जिनकी अपनी विशेषता है. लेकिन तख़तपुर से 22 किलोमीटर दूर “सागर मैया” एक ऐसा तालाब है, जिसमें डुबकी लगाने मात्र से चर्म रोग दूर होने के साथ लोगों की मनोकामना भी पूरी होती है. तालाब की इस ख्याति की वजह से प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से भी लोग यहां अपने कष्टों के निवारण के लिये डुबकी लगाने आते हैं.

आस्था और विश्वास की पानी से लबरेज ‘सागर मईया’ तालाब अपनी अलग विशेषताओं के कारण अद्भुत और खास है. शहर से 22 किमी दूर सागर गांव मे स्थित इस तालाब के कारण ही गांव का नाम भी सागर पडा है. इसकी विशेषता है कि जो भी आस्था और विश्वास के साथ यहां डुबकी लगाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, और शारीरिक व मानसिक कष्टों से भी छुटकारा मिलता है. चर्म रोगियों के लिए तो इस तालाब का पानी राम बाण औषधि है. एक बार डुबकी लगाने के साथ ही चर्म रोगियों की व्याधियां दूर हो जाती हैं. खासियत ये भी है कि भीषण गर्मी में भी तालाब हमेशा लबालब रहता है.

दो सौ साल से पुराना है तालाब का इतिहास

तालाब का इतिहास भी दो सौ साल पुराना है. तीन पीढ़ी पहले इस गांव में एक महायज्ञ हुआ था, जिसमें दूर-दूर से लोग शामिल हुए थे. इसी में शारीरिक व्याधियो से जूझ रहा एक  चरवाहा भी था, जिसकी तालाब में स्नान के साथ ही सारी व्याधियां दूर हो गई. इस चम्त्कारिक और अलौकिक शक्तियो को देखते हुए लोगों ने इसका नाम सागर मईया तालाब रखा और इसी के नाम से ही गांव का भी नामकरण हुआ.

तालाब के बीचों-बीच स्थापित शिवलिंग

स्थानियों के मुताबिक, तालाब के बीचों-बीच गहराई मे शिव का एक विशाल शिवलिंग स्थापित है, जिसके कारण तालाब का जल अद्भुत और विशेष शक्तियो वाला हो गया है. अब रोजाना सैकड़ों लोग आस-पास प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से अपनी व्याधियों से मुक्ति पाने के साथ मनोकामना की डुबकी लगाने यहां आते हैं, और सागर मईया तालाब की कृपा पाते हैं. पानी के वैज्ञानिक तथ्य को लेकर भी रिसर्च चल रहा है. साइंस के जानकारों के अनुसार पानी मे सल्फाइड की मात्रा होने के कारण भी पानी की प्रवृत्ति बदल जाती है.