स्पोर्ट्स डेस्क. महिला टी-20 वर्ल्ड कप का आगाज हो चुका है, और आज ही पहला मुकाबला भी खेला गया, पहला मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच था जहां भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया, और मैच में शानदार जीत हासिल कर सभी को चौका दिया.

वैसे तो भारतीय टीम ने महज 133 रन का टारगेट ही सेट किया था उम्मीद के मुताबिक टीम ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के सामने एक बड़ा टारगेट सेट नहीं कर सकी थी, ऑस्ट्रेलियाई टीम जब बल्लेबाजी की शुरुआत की तो एक वक्त ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया की टीम आसानी से मैच जीत लेगी.

लेकिन कहते हैं न क्रिकेट तो रोमांच का खेल है यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है, पूनम यादव नाम की इस एक गेंदबाज ने तो जैसे मैच ही बदल दिया, टीम लिए ऐसे ऐसे समय में विकेट निकाला जब टीम को उसकी सख्त जरूरत थी.

पूनम यादव ने पूरे मैच में 4 ओवर की गेंदबाजी की, 19 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए, और भारतीय टीम के जीत में अहम रोल अदा किया.

अपने इस शानदार गेंदबाजी के लिए पूनम यादव मैन ऑफ द मैच भी बनी, एक तरह से कहा जाए तो इतने कम स्कोर के बाद भी टी-20 वर्ल्ड कप के डिफेंडिंग चैंपियन को उसी के घर में पहले ही मुकाबले में धऱाशायी अगर भारतीय टीम कर पाई तो पूनम यादव की गेंदबाजी का बड़ा रोल रहा.

काफी संघर्ष के बाद बनी क्रिकेटर

वैसे तो पूनम यादव 8 साल की उम्र में ही क्रिकेट के मैदान तक पहुंच गईं थीं लेकिन जब पूनम के क्रिकेट खेलने पर समाज का  दबाव ज्यादा बढ़ने लगा तो पूनम यादव के पिता उन्हें क्रिकेट खेलने जाने के लिए मना किया लेकिन फिर भी पूनम कहां मानने वालीं थीं, वो अकेले ही स्टेडियम पहुंच गईं और फिर अपने कोच के साथ घर वापस आईं, और फिर उनके कोच ने उनके पिता को मनाया जिसके बाद पूनक का क्रिकेट फिर से शुरू हो सका लेकिन इसके बाद भी समाज लगातार उनके क्रिकेट खेलने को लेकर उनकी आलोचना करता रहा लेकिन वो हार नहीं मानीं क्योंकि उनको तो बड़ा क्रिकेटर जो बनना था, और फिर काफी संघर्ष के बाद पूनम यादव ने ये सफर तय किया, और आज भारतीय टीम से खेल रही हैं. और टी-20 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में उन्होंने ऐसी गेंदबाजी कर दी जिसके बाद तो पूरा देश उनकी तारीफ कर रहा है.