पंकज सिंह दन्तेवाड़ा.नियम कायदे कानून सब दन्तेवाड़ा में आकर नक्सलवाद क्षेत्र के नाम पर पीएमजीएसवाई विभाग खत्म करता नजर आ रहा है.

पूरा मामला पीएमजीएसवाई विभाग दन्तेवाड़ा से जुड़ा है. जहां विभाग पोन्दुम पंचायत में पेरमापारा से धुरकापारा नाम की एक 17 किलोमीटर लंबी सड़क जो 5 करोड़ की लागत की है उसे बनवा रहा है. जिस पर जमकर धांधली और गड़बड़ियां जगह-जगह ठेकेदार द्वारा की जा रही हैं. कुछ ट्रेक्टर और जेसीबी मशीनों से सड़क के किनारे बेतरतीब तरीके से खुदाई कर मुरम की जगह खेतो की मिट्टी डाली जा रही थी. और इन सब गड़बड़ियों को देखने के लिए विभाग का कोई अधिकारी कर्मचारी भी इस सड़क पर उस वक्त मौजूद नही था.

इतनी बड़ी लागत की सड़क को जिस अंदाज से ठेकेदार के मुंशी द्वारा करवाया जा रहा था, इधर पीएमजीएसवाई विभाग के एसडीओ हेमंत कुमार बंजारे उल्टा नसीहत देते हुए कहा आप कैसे कह सकते कि गुणवत्ता खराब है सड़क की. जबकि जिस सड़क पर हम पहुंचे हुए थे उसपर बीटी 2 बार कर ऊपर से सीलकोड करने के साथ रेत का छिड़काव करना यह शासन का नियम कहता है. मगर इस तरह का कुछ भी सड़क में नजर नही आया.

कोरा बोर्ड बताता है भ्रष्टाचार कही लिप्त है

इस सड़क पर एक बोर्ड लगा हुआ है जिस पर विभाग ने न तो लागत राशि दर्शायी है. न ही कार्य करने की समय अवधि, महज ठेकेदार सोनी कंट्रक्शन का नाम अंकित है. इस सवाल के जबाब में भी एसडीओ बंजारे ने संवेदनशीलक्षेत्र का हवाला देते हुए गोलमोल जबाब दे दिया, जबकि जिले भर में इस रोड के अलावा दर्जनों सड़को में लागत राशि से लेकर समय और कार्य का स्पेकेसीमेंट लिखा हुआ रहता है. मतलब साफ तौर पर विभाग का बचाव ठेकेदार की तरफ नजर आ रहा है.

 जंगलो को तहस नहस करती ठेकेदार की राक्षसी मशीनें

सबसे बड़ी बात यह है कि सड़क निर्माण के नाम पर ठेकेदार की मशीनें गांव के अंदर ही घरों के बगल से बड़े बड़े गढ्ढे कर मुरुम, मिट्टी निकाल रही हैं. इसके लिए पंचायत से सम्पर्क किया तो पता चला कि बिना अनुमति ही ये सारा खेल खेला जा रहा है. साथ ही सड़क किनारे बड़े पेड़ो के आजु-बाजू से भी इसी तरह का नजारा दिखा इसके लिए भी वन विभाग से कोई अनुमति नही ली गयी. अब आप अंदाजा लगाइये की विकास की सड़क के नाम पर पीएमजीएसवाई दन्तेवाड़ा और ठेकेदार की मिलीभगत से किस तरह की सड़क बन रही होगी.