रमेश सिन्हा, पिथौरा। भारी बारिश के चलते कच्चा मकान ढह जाने से पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम साई सराईपाली का एक परिवार गांव में ही बनाए गए यात्री प्रतीक्षालय में विगत 6 वर्षों से निवास कर रहा है. परिवार सिर पर छत के लिए प्रधानमंत्री आवास की मांग करता चला आ रहा है, लेकिन आज तक जिम्मेदार उसे आवास नहीं दिला पाए हैं. मजबूरी में परिवार आज भी यात्री प्रतीक्षालय में किसी तरह गुजरबसर कर रहा है.

पिथौरा ब्लाक मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर बसे ग्राम साईं सरायपाली में निवासरत जयंत निषाद पिता स्वर्गीय धरमसिंह निषाद परिवार के सदस्यों के साथ कच्चे मकान में रहता था, जो करीब 6 वर्षों पूर्व भारी बारिश की वजह से ढह गया. जब रहने के लिए कोई आसरा नहीं रहा तो परिवार ने ग्राम में बने यात्री प्रतीक्षालय को अपना ठिकाना बनाया. आज प्रतीक्षालय़ के एक ही कमरे में जयंत निषाद अपनी पत्नी जीरा बाई, मां मांग मोती और तीन बच्चों 10 वर्षीय रितु 8 वर्षीय दीपांजलि और 6 वर्षीय पुत्र अंकित के साथ रहने को मजबूर है.

पिता धरम सिंह निषाद की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी जयंत के ऊपर आ गई. भूमिहीन होने और गांव में रोजीमजदूरी नहीं मिलने के कारण बरसात समाप्त होने के बाद जयंत अपनी मां मांग मोती को घर में अकेला छोड़कर अपने परिवार के साथ ईंट भट्ठा बनाने के लिए पलायन कर जाता है. इस कार्य में पत्नी के साथसाथ उसकी दोनों बेटियां भी पढ़ाईलिखाई छोड़कर काम में हाथ बटाती हैं.

गरीब परिवार को छह सालों में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाने पर ग्राम पंचायत सचिव रवि लाल चौहान का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास वाली सूची में इस परिवार का नाम नहीं है. जिसके कारण उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. विकल्प के तौर पर ग्राम पंचायत से पृथक प्रस्ताव बनाकर जनपद कार्यालय को भेज दिया गया है, लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है.

जयंत निषाद की समस्या से वाकिफ कराए जाने पर पिथौरा जनपद पंचायत सीईओ प्रदीप कुमार प्रधान ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. इनका नाम अवास योजना के तहत दिये जा रहे मकान के लिए नाम नहीं आ पा रहा है, क्योंकि परिवार बारबार अन्य जगह जानाआना करते रहते हैं. जांच करने के बाद निम्नानुसार कार्रवाई कर परिवार के सिर पर छत हो इसकी व्यवस्था की जाएगी.