पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद। देवभोग में एक ऐसा भी गरीब परिवार है जो बाजार से पैसे उधार लेकर पीएम आवास बनवाने में जुटा हुआ है. यह सुनकर आप चौक गये ना. चौकिये मत, यह सच है. क्योकि इस परिवार को सीईओ ने आदेश जारी किया है कि वह जल्द से जल्द पीएम आवास बनाने का काम शुरू करे. जबकि इस परिवार का कहना है उन्हें अब तो आवास बनाने के लिए शासन की ओर से कोई राशि ही नहीं मिली है. आदेश मिलने के बाद उन्होंने बाजार से पैसे उधार लेकर आवास बनाने का काम शुरू कर दिया है.

दरअसल सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने गोहेकेला की पीएम आवास हितग्राही लिखते बाई को एक नोटिस जारी किया है. जिसमें लिखते बाई द्वारा 2 अगस्त को पीएम आवास के लिए शासन से जारी 48 हजार की राशि का बैंक से आहरण करने के बाद भी अब तक आवास का काम शुरु नहीं करने का हवाला देते हुए जल्द काम शुरु करने के निर्देश दिये गये है. यही नहीं जल्द काम शुरु न करने पर निवास निरस्त करने की भी चेतावनी दी गयी है. सीईओ के इस नोटिस को देखकर परिवार के होश उड गये है.

अपने परिवार के साथ एक टुटे फुटे मकान में गुजर बसर करने वाली बुजुर्ग लिखते बाई द्वारा राशि आहरण करना तो दूर उसे यह भी मालूम नहीं है कि उसके नाम पर पीएम आवास जारी हो गया है. लिखते बाई के बेटे बुधारुराम के मुताबिक उन्होंने पीएम आवास के लिए आवेदन तो दिया था. लेकिन यह कब स्वीकृत हुआ इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. सीईओ को नोटिस से परिवार इतना घबरा गया कि उन्होंने बाज़ार से उधारी पैसे लेकर आवास का काम शुरु कर दिया है.  उन्हें डर था कि कहीं उनका पीएम आवास निरस्त ना हो जाये.

मामले के बारे में जब गॉव की सरपंच संतरा बाई से पुछा गया तो उन्होंने हितग्राही की सहमति से राशि आहरण करने की बात तो स्वीकार की है. लेकिन आवास का काम राशि आहरण के दो माह बाद भी शुरु नहीं करने का वे कोई जवाब नही दे सकी.

मामला प्रकाश में आने के बाद जनपद पंचायत देवभोग के सीईओ विनय कुमार ने अब मामले की जांच कराने के आदेश दिये हैं.