राजधानी दिल्ली की आबादी दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ती जा रही है. दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2036 तक राजधानी की आबादी बढ़कर 2.65 करोड़ तक होने का अनुमान है, जिसमें 47.34 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं.
‘दिल्ली में महिलाएं और पुरुष-2023’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, 2036 तक दिल्ली की जनसंख्या 2,65,91,000 – 1,25,89,000 महिलाएं और 1,40,02,000 पुरुष – होने का अनुमान लगाया गया है. अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2036 में शहर की आबादी में महिलाएं 47.34 प्रतिशत होंगी, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 48.78 प्रतिशत है.
शहरीकरण की तीव्र गति के कारण दिल्ली देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है. जनगणना 2011 के अनुसार, दिल्ली की जनसंख्या 1,67,87,941 थी, जिसमें 78,00615 महिलाएं और 89,87,326 पुरुष थे. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, दिल्ली में महिलाओं की आबादी शहर की कुल आबादी का 46.47 प्रतिशत है. दिल्ली का लिंग अनुपात 868 (जनगणना 2011 में) से बढ़कर 2036 में 899 होने का अनुमान है, लेकिन यह अभी भी राष्ट्रीय स्तर पर लिंग अनुपात से कम होगा, जो इसी अवधि में 943 से बढ़कर 952 होने का अनुमान है.
दिल्ली में पुरुषों-महिलाओं के मामले में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय स्तर से अधिक: रिपोर्ट
इतना ही नहीं, दिल्ली में महिलाओं में बेरोजगारी दर देश के औसत की तुलना में लगभग दोगुनी है. दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में दिल्ली में पुरुषों की बेरोजगारी दर 5.1 प्रतिशत और महिलाओं की बेरोजगारी दर छह प्रतिशत थी. दूसरी ओर अखिल भारतीय स्तर पर यह पुरुषों के लिए 4.4 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 3.3 प्रतिशत थी. व्यापक रोजगार की स्थिति से पता चला कि शहर में 33.1 प्रतिशत कामकाजी पुरुष अपना काम कर रहे थे, 63 प्रतिशत नियमित वेतनभोगी कर्मचारी थे और 3.5 प्रतिशत आकस्मिक श्रमिक श्रेणी में थे. रिपोर्ट में कहा गया कि महिला श्रमिकों में केवल 17 प्रतिशत अपना काम कर रही थीं. दूसरी ओर 83 प्रतिशत नियमित वेतनभोगी कर्मचारी श्रेणी में थीं.
दिल्ली में बलात्कार पीड़ितों में से करीब 70 प्रतिशत 18-30 आयुवर्ग की : रिपोर्ट
दिल्ली में 2021 में बलात्कार पीड़ित महिलाओं में सबसे अधिक संख्या 18-30 आयु वर्ग की थी, जो 72 प्रतिशत से अधिक है. सरकार के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2021 में दिल्ली में कुल 1,251 बलात्कार पीड़ितों में से, सबसे अधिक 905, 18-30 आयु वर्ग में थीं, उसके बाद 328, 30-45 आयु वर्ग की थीं. यह स्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर भी दिखता है क्योंकि 20,065 बलात्कार पीड़िता 18 से 30 वर्ष तक की उम्र की हैं, इसके बाद 7,627 पीड़ित 30-45 आयु वर्ग की हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में देशभर में कुल 31,878 बलात्कार पीड़िताएं थीं. रिपोर्ट से पता चला कि पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों द्वारा आत्महत्या करने के अधिक मामले सामने आए. वर्ष 2021 में, दिल्ली में आत्महत्या करने वाले 2,840 लोगों में से 2,093 पुरुष और 746 महिलाएं थीं. वर्ष 2021 में, महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 73,715 मामलों की सुनवाई हुई, जिनमें से 274 मामलों में दोष सिद्धि हुई और 355 बरी हुए.