अभिषेक सेमर, तखतपुर. मध्यप्रदेश से आकर पिछले 6 सालों से उत्खनन और ईंट भट्टे का संचालन किया जा रहा है. यहां के जनप्रतिनिधियों का संरक्षण पाकर अवैध ईंट भट्टा संचालक बेहिसाब गांव की सरकारी जमीन के सीने को चीर कर मोटी रकम बना रहा है. आलम ये है कि गांव के जिम्मेदार और प्रशासनिक अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं. अब तो ग्रामवासी इन कब्जाधारियों के खौफ से इतने डरे हुए हैं कि शिकायत करने पर भी हिचकने लगे हैं.

बता दें कि, गांव की समस्या और अवैध कब्जा कर उत्खनन करने के मामले को लेकर LALLURAM.COM को जब ये मालूम चला कि गांव के लोग इन कब्जाधारियों के हौसले के सामने डरे हुए हैं तो तब टीम पड़ताल करने पहुंची और गांव वालों को भरोसा दिलाया कि आपकी समस्या हम उठाएंगे और गांव के जमीन को हम बचाने का पूरा प्रयास करेंगे.

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दरअसल, छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर जिले के तखतपुर मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत विजयपुर में पिछले 6 साल से मध्यप्रदेश से 2 से 3 कब्जाधारी पैसा कमाने पहुंचे थे. जो कि देखते ही देखते गांव के जनप्रतिनिधियों से संपर्क बनाकर और मनी भाई के माध्यम से गांव के निस्तारी जमीन पर कब्जा जमा लिया है और वहां हर रोज सरकारी जमीन का सीना चीरकर अवैध ईंट भट्ठा संचालित कर रहे हैं. आलम ये है कि जहां एक फड़ से शुरू किया गया अवैध कारोबार इस कदर पनप चुका है कि गांव की सरकारी भूमि के माफिया बन चुके हैं और अब 8 से 10 फड़ धड़ल्ले से बेखौफ संचालित हैं. ऐसा नहीं है कि किसी ने इनके खिलाफ जाने की और शिकायत करने की कोशिश नहीं की. लेकिन गांव के जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत ने माफियाओं को खुली छूट दे दी है.

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हालांकि, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तखतपुर मुख्यालय तहसीलदार शशांक शेखर शुक्ला ने भू-माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. तहसीलदार ने कहा कि मामला गंभीर है और गांव के सरकारी भूमि पर अवैध कारोबार संचालित करना पूर्ण रूप से गलत है. यदि ग्राम पंचायत के सहमति के बगैर अवैध उत्खनन और कब्जा किया गया है तो उन सभी के खिलाफ राजस्व तथा विधि के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी. इस प्रकरण पर तहसील मुख्यालय से आरआई, पटवारी और अन्य कर्मचारियों की टीम गठन कर जांच किया जाएगा और इस तरह के अवैध कारोबार को तखतपुर सीमा क्षेत्र में फलने फूलने नहीं दिया जाएगा.