रायपुर. धर्मजयगढ़ में हाथी की पोस्टमार्टम हो गई है. पोस्टमार्टम में बिजली का करंट लगने से हाथी की मौत की पुष्टि हुई है. वन विभाग ने गुरुवार को ही दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. घटना स्थल पर हाथी का पोस्टमार्टम बंगुलुरु से आए हाथी एक्सपर्ट डॉक्टर अरुण ने सुबह किया. पोस्टमार्टम के बाद बिसरा के लिए सैंपल भेज दिए गए हैं.

वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक ये जानकारी भी सामने आ रही है कि हाथी गणेश ही है. इस बात की पुष्टि कर ली गई है. गुरुवार को धर्मजयगढ़ डीएफओ प्रियंका पांडेय ने शाम को इस बात का दावा किया था कि गणेश अभी ज़िंदा है और जो हाथी मरा है वो गणेश नहीं है.

उनके इस आधिकारिक बयान के बाद बेहद भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. हाथियों पर काम करने वाले लोग और पत्रकार मान रहे थे कि ये गणेश हाथी ही हैं.प्रियंका ने गुरुवार की सुबह हाथी की मौत कटहल खाने से होने की बात कहने से विभाग की दिन भर किरकिरी होती रही. गौरतलब है कि डीएफओ प्रियंका पिछले एक साल से हाथी से सर्वाधिक पीड़ित क्षेत्र धर्मजयगढ़ में वन विभाग की सबसे बड़ी अधिकारी के तौर पर पदस्थ हैं.

हाथियों पर काम करने वाले स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सजल मधु ने लल्लूराम डॉट कॉम से बात कहा कि सुबह ही ये साफ हो गया था कि हाथी गणेश ही है. जब गणेश हाथी को रेस्क्यू करके 23 जुलाई को ले गए थे. तब सजल ने उसके बहुत सारे फोटोग्राफ उतारे थे. सजल का कहना है कि गणेश का बांया दांत हल्का टूटा हुआ था. शाम को जब हाथी को पलटाया गया तब भी उसका दांत टूटा हुआ दिखा लेकिन ये बात समझ नहीं आई कि मैडम ने क्यों बोला कि ये हाथी गणेश नहीं है. उसका दांत टूटा हुआ नहीं है. सल का कहना है कि कुदमुरा के जंगलों में गणेश हाथी का रेडियो कॉलर टूट गया था. अगर उसे दोबारा लगा दिया जाता तो गणेश नहीं मरता

धर्मजयगढ़ के हमारे संवाददाता शेख आलम 18 जून को दिन भर घटनास्थल पर मौजूद रहे. उन्होंने शाम की जो रिपोर्ट भेजी है उसमें उन्होंने भी हाथी के गणेश होने की आंशका ज़ाहिर की थी. लेकिन डीएफओ ने गणेश हाथी नहीं मरने की बात बोलकर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी. उसके पैरों में ज़ंजीर के निशान साफ थे.