प्रमोद कुमार, कैमूर। भभुआ सदर अस्पताल में अजीबो गरीब मामला प्रकाश में आया है, जहां एक मृत्य व्यक्ति का दो बार पोस्टमार्टम किया गया। यही नहीं सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के लिए पैसे की बोली भी लगती है, जिसे मृतक के परिजनों को देना पड़ता है। यदि परिजन पैसा देने में अपनी असमर्थता जताता है, तो उसके परिजनों का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है।

भभुआ सदर अस्पताल का यह काला सच कल सोमवार को उस समय सामने आया, जब एक युवक मुकेश कुमार जिसे गौ तस्करी मामले में यूपी की सैयदराजा पुलिस ने पीछा किया तो वह भागते हुए बिहार में आ गया। लोगों ने उसकी पिटाई भी की थी, जिससे वह दुर्गवाती थाना क्षेत्र के कर्मनाशा में घायल अवस्था में पड़ा था। पुलिस तत्काल उसे भभुआ सदर अस्पताल लाई, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मृतक चैनपुर थाना के बबुराहन गांव के मुकेश राम पिता सिरन राम बताया जाता है, जब उसका पोस्टमार्टम किया गया तो पुलिस ने डॉक्टर से रिपोर्ट निकलने की बात कही तो डॉक्टर ने फिर डेड बॉडी को दूसरी बार पोस्टमार्टम किया और दूसरी बार पोस्टमार्टम करने के लिए फिर से दो हजार रुपए की मांग करने लगा, जिसके बाद मृतक के परिजन इस बात पर हंगामा करने लगे। जिसपर 2 हजार रुपए में ही पोस्टमार्टम किया गया।

मामले को लेकर भभुआ सिविल सर्जन राजेश्वरी रजक ने बताया कि, मामला संज्ञान में आया है। मामले को जांच कर कार्रवाई किया जायेगा। अब सवाल है कि मृत्य व्यक्ति को दो बार पोस्टमार्टम क्यों किया गया? पोस्टमार्टम के लिए जब सरकारी फंड से 500 रुपया दिया जाता है, तो पोस्टमार्टम करने वाला दो हजार रुपए की उगाही हो रही है? ऐसे में अब जांच के बाद ही यह पता चल पाएगा की आखिर किस लिए दो बार मृत शरीर का पोस्टमार्टम किया गया और क्यों पैसे लिए गए।

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