शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में पद की पॉलिटिक्स चुनावी साल में और बढ़ गई है. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के कार्यकारी अध्यक्ष पद (Jitu Patwari Executive Chairman) को लेकर फिर विवाद गहरा गया है. पार्टी में अंदरूनी राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी ने इसे मध्यप्रदेश कांग्रेस में कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन करार दिया है.

दरअसल पहले कांग्रेस ने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष पद को समाप्त कर दिया गया है. अब कांग्रेस के प्रदेश संगठन प्रभारी राजीव सिंह का कहना है कि जीतू पटवारी को लेकर ऐसा कोई सर्कुलर नहीं है, जिसमें कहा गया है कि वो कार्यकारी अध्यक्ष नहीं है. अगर AICC ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है, तो आगामी आदेश तक बने रहेंगे. प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी जारी होने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष पद खत्म होने की बात कांग्रेस के नेता कह चुके हैं.

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कमलनाथ का बढ़ा कद

कांग्रेस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कमलनाथ का कद बढ़ा. पिछली कमेटी में कमलनाथ के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष थे. इस बार कोई कार्यकारी अध्यक्ष नहीं है. राजनीतिक मामलों की कमेटी के प्रमुख भी कमलनाथ बनाए गए. राजनीतिक मामलों की कमेटी में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ नकुलनाथ भी शामिल है.

भोपाल जिला अध्यक्ष का पद होल्ड पर रखा गया. मानक अग्रवाल की वापसी. राजीव सिंह का कद बढ़ा. संगठन प्रभारी महामंत्री की जगह उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी बने. नई कमेटी में 50 उपाध्यक्ष बनाए गए. पिछली कमेटी में 80 से अधिक उपाध्यक्ष थे. नई कमेटी में 105 महामंत्री बनाए गए पिछली कमेटी में 250 महामंत्री थे.

मध्यप्रदेश कांग्रेस में कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन- बीजेपी

बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस गुटों में बंटी हुई है. जीतू पटवारी को कांग्रेस के अंदर ही चुनौती मिल रही है. कांग्रेस नेता पटवारी को कार्यकारी अध्यक्ष नहीं मानते और वो खुद को कार्यकारी अध्यक्ष बताने में जुटे है. मध्यप्रदेश कांग्रेस में कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन है.

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