हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में “गजवा ए हिंद नहीं, अब चलेगा भगवा ए हिंद” और “एक हैं तो सेफ हैं” जैसे पोस्टरों के जरिए साम्प्रदायिक मुद्दा गरमा गया है। इस विवाद पर कांग्रेस नेता के.के. मिश्रा ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे सांप्रदायिकता का बीजारोपण करार देते हुए सरकार पर देश में अराजकता और विभाजन की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। 

संविधान की रक्षा की शपथ लेने वाले ही विभाजन की कर रहे कोशिश 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के. मिश्रा का आरोप “देश का दुर्भाग्य है कि जो लोग संविधान की रक्षा की शपथ लेते हैं, वही सांप्रदायिकता और विभाजन की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री एक तरफ मुसलमानों के खिलाफ बोलने से इंकार करते हैं और दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में जहर उगलते हैं। भाजपा सरकार संघ के एजेंडे को लागू करने के लिए दंगों की जमीन तैयार कर रही है।”

लोकसभा और प्रधानमंत्री पर उठाए सवाल

के.के. मिश्रा ने प्रधानमंत्री मोदी की बयानबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा, “प्रधानमंत्री लोकसभा में निर्वाचित सांसदों को गुंडा कहते हैं। लेकिन उनकी अपनी पार्टी के लोग अराजकता और दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। क्या पुलिस का काम अब पत्थर फेंकना हो गया है? पुलिसवालों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।”

ज्यूडिशरी से कार्रवाई की मांग

कांग्रेस नेता ने भारतीय न्यायपालिका से इस मामले में दखल देने की अपील करते हुए कहा कि ऐसे घटनाक्रम राष्ट्रीय ध्रुवता के खिलाफ हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट से भाजपा नेता पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। साथ ही कहा, “आज राजनीति को गुंडों से बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जो लोग सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” 

इंदौर का यह पोस्टर विवाद भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक टकराव का बड़ा मुद्दा बन गया है। जहां एक ओर भाजपा समर्थक इसे हिंदू एकता का संदेश बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस इसे सांप्रदायिकता भड़काने का प्रयास करार दे रही है।

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