गोरखपुर में पोस्टर वार शुरू हो गया है. सपा के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे, चिल्लूपार के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की गिरफ्तारी के बाद सियासत शुरू हो गई है. रवि पाण्डेय और वैभव तिवारी नाम के शख्स ने यो पोस्टर लगाया है. पोस्टर में सवाल किया गया है कि ‘IAS/IPS मुकदमे में फरार, ब्राह्मणों के साथ अत्याचार क्यूं?’
दरअसल, बैंक का डिफाल्टर होने के मामले में ईडी ने विनय शंकर तिवारी को मनी लॉड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

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बता दें कि सपा नेता विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज विवादों से घिरी हुई है. कंपनी पर आरोप है कि कई बैंकों से लोन लेकर पैसों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है. पैसे जिस प्रोजेक्ट के लिए लिए गए थे, उसमें निवेश न करके दूसरी जगह लगा दिए गए. इसी मामले में ईडी की टीम ने दबिश देकर जांच की और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस समेत कई दस्तावेज जब्त किए हैं.
गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खिलाफ बैंक ऑफ इंडिया ने CBI से शिकायत करते हुए केस दर्ज कराया था. कंपनी ने बैंक से 200 करोड़ का लोन लिया था. जिसके बाद मामले की जांच हुई तो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया और फिर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खिलाफ कार्रवाई की.
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पहले ही जब्त हो चुकी है 72.08 करोड़ की संपत्ति
पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नवंबर 2023 में पहले ही जब्त कर चुकी है. ईडी ने यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेस लिमिटेड की ओर से बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 1129.44 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में की थी. बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने केस दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने भी विनय तिवारी समेत कंपनी के समस्त निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.
2023 में ही राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने विनय तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया था. इनमें कृषि योग्य जमीन, व्यवसायिक कांप्लेक्स, आवासीय परिसर, आवासीय भूखंड शामलि है.
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