रायपुर. डाक पत्र प्राप्त कर्मचारियों को उच्च अधिकारियों द्वारा प्रभावित करने की नामजद शिकायत कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की है. कांग्रेस ने उच्च अधिकारियों पर सत्ताधारी दल को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है. साथ ही इन अधिकारियों की कॉल रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है.

कांग्रेस ने कहा कि इससे पहले भी हमने दो-तीन बार आपका ध्यान डाक मतपत्र को अवैध रूप से मतदान कराने और उनकी गोपनीयता भंग करते हुए सुचिता नष्ट करने के प्रयास की ओर ध्यान आकर्षित कराया है. इसके अलावा तीन बार उच्च अधिकारियों की संलग्नता की आशंका की पुख्ता होने की जानकारी दे रहे हैं और यह तथ्य जांच के लिए आग्रह कर रहे हैं.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि दुर्ग आईजी जीपी सिंह, दुर्ग कलेक्टर उमेश कुमार अग्रवाल और बिलासपुर कलेक्टर पी दयानंद द्वारा डाक मत पत्र प्राप्त कर्मचारियों को बुलाकर अपने सामने अपने मातहतों के द्वारा डाक मतपत्र डालने का आदेश दिया जा रहा है, जो कि मताधिकार की स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है. कांग्रेस ने मांग की है कि इन तीनों अधिकारियों के कॉल रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए. इन अधिकारियों द्वारा पद की मर्यादा और जिम्मेदारी का खुला उल्लंघन किया है.

कांग्रेस ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद भी बैलट पेपर जारी किए गए हैं. इससे चुनाव पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, और चुनाव में गोपनीयता को बरकरार नहीं रखा गया है. आज यदि सत्ताधारी दल चुनाव हारने की स्थिति में हैं. इस वजह से उनको फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा सकता है. और जिन अधिकारियों ने यह डाक मतपत्र को समय पर जारी करने से रोका था या अपना कर्तव्य पूरा नहीं किया था उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.