धर्म में देवी-देवताओं और ग्रह विशेष का आशीर्वाद पाने ऋषि-मुनि सनातन काल से व्रत की परंपरा का निर्वाह करते चले आ रहे हैं. सनातन परंपरा में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता या फिर किसी ग्रह विशेष के लिए समर्पित है. भगवान विष्णु और गुरु ग्रह की कृपा दिलाने वाले बृहस्पतिवार व्रत को करने से किस्मत चमक जाती है. शास्त्रों में गुरुवार को कुछ कार्य करना निषेध बताया गया है. उसी तरह गुरुवार को पोछा लगाना भी अशुभ माना जाता है. माना जाता है कि गुरुवार के दिन पोछा लगाने से बृहस्पति देव नाराज होते हैं और इससे जीवन में काफी परेशानी आती है, इसलिए पोछा लगाते वक्त वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए.

कब और कैसे रखें गुरुवार का व्रत

भगवान विष्णु संग देवगुरु बृहस्पति की कृपा दिलाने वाले गुरुवार व्रत को आप किसी मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले पहले गुरुवार से शुरु कर सकते हैं. इस अत्यंत ही पुण्यदायी व्रत को आप कम से कम 16 गुरुवार अथवा जब तक आपकी सेहत साथ दे तक कर सकते हैं. Read More – नए साल से पहले विमान कंपनियों ने किराया दोगुना बढ़ाया …

गुरुवार व्रत की पूजा विधि

भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति से मनचाहा वरदान दिलाने वाले गुरुवार व्रत को करने के लिए सूर्य नारायण को जल देना चाहिए. इसके बाद गुरुवार व्रत का संकल्प करके भगवान विष्णु और देवगुरू बृहस्पति की पीले पुष्प, पीले फल, पीले नैवेद्य आदि को अर्पित करना चाहिए. गुरुवार व्रत की पूजा में शुद्ध घी के दीया जलाकर श्रद्धा और विश्वास के साथ बृहस्पतिवार व्रत की कथा कहनी चाहिए.

गुरुवार व्रत की पूजा का उपाय

गुरुवार व्रत का शुभ फल पाने के लिए व्रत वाले दिन व्यक्ति को तन और मन से पवित्र रहते हुए चंदन अथवा तुलसी की माला से देवगुरु बृहस्पति के मंत्र ‘ओम बृं बृहस्पतये नम:’ अथवा ‘ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’ का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए. Read More – Aamir Khan की बेटी Ira Khan ने Bold Photo शेयर कर ट्रोलर्स को दिया था मुंहतोड़ जवाब, फोटोज वायरल …

गुरुवार के दिन न करें ये काम

गुरुवार के दिन हेयर कटिंग या शेविंग नहीं करवाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से संतान सुख में बाधा पैदा होती है.

इस दिन नमक नहीं खाना चाहिए.

गुरुवार का दिन दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य दिशा में यात्रा करने के लिए वर्जित माना जाता है. इस दिन कपड़े धोना और घर का पोछा लगाना भी वर्जित माना गया है.