रायपुर। भाजपा के बाद अब कांग्रेस ने भी आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे ने प्रदेश में जाति आधारित राजनीति से इंकार किया है उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में जाति आधारित राजनीति नहीं होती.
रविन्द्र चौबे ने यह बयान उस वक्त दिया है जब कांग्रेस के अंदर से आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग उठने लगी है. कांग्रेस विधायक रामदयाल उइके ने कल कोरबा में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाई थी.
उइके की इस मांग के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदार नेताओं में खलबली मच गई थी. जो पिछले कई सालों से सपना संजोए बैठे हैं. कांग्रेस पिछले 15 साल से सत्ता से दूर है. लेकिन अभी से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर बयानबाजी कांग्रेस के उन नेताओं की कोशिशों को एक बड़ा झटका है जो पिछले कई सालों से गुटबाजी दूर करने की कवायद करते हुए पार्टी को एकजुट करने में लगे हैं.
उधर कांग्रेस के आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष शिशुपाल सौरी ने आंतरिक रुप से उइके की मांग का समर्थन किया है, उन्होंने कहा कि समाज के अंदर ऐसी मांग है और समाज के नेता ऐसा चाहते हैं कि प्रदेश में आदिवासी नेतृत्व ही बने. सामाजिक रुप से मैं उनके बयानों के साथ हूं. लेकिन राजनीतिक रूप से मैं उनके बयानों से सहमत नहीं हूं. राजनैतिक परिस्थितियां अलग होती है और सामाजिक परिस्थितियां अलग.