पॉवर सेंटर : By – आशीष तिवारी
…..जब पूर्व गृहमंत्री ने एसपी को सुनाई खरी-खरी
अपने मिज़ाज के लिए चिर परिचित पूर्व गृहमंत्री ने बस्तर के एक ज़िले के एसपी की जमकर क्लास ले ली. मामला बेहद दिलचस्प है. बीजेपी के चिंतन शिविर में जा रहे इस पूर्व गृहमंत्री को प्रोटोकाल के तहत फोलो गाड़ी दी गई. जिस ज़िले में क़ाफ़िला गुजरता उस ज़िले की फोलो गाड़ी सामने लग जाती. एक ज़िले में जब काफ़ी देर तक फोलो गाड़ी नज़र नहीं आई तो पूर्व गृहमंत्री ने अपने स्टाफ़ से पूछा- फोलो गाड़ी कहाँ गई? आनन-फ़ानन में लोगों ने फ़ोन मिलाया, पता चला की फोलो गाड़ी का डीज़ल ख़त्म हो गया. तुनक मिज़ाजी पूर्व गृहमंत्री ने सीधे ज़िले के एसपी को फ़ोन लगाया और पूछा- क्या तुम्हारे ज़िले में डीज़ल का बजट नहीं मिल रहा? रुख़ भाँपते हुए एसपी ने स्थिति संभाली….ख़ैर जब तक फोलो गाड़ी में डीज़ल डलाया गया. तब तक ज़िला बदल चुका था…..
बूस्ट इस सीक्रेट आफ़ माय एनर्जी
इधर सूबे में सियासी कुर्सी की खींचतान चल रही है, उधर पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह का रौब बढ़ता नज़र आ रहा है. जगदलपुर पहुँचे पूर्व सीएम ने एक सम्मेलन में अपने कार्यकर्ताओं से कलेक्टरों और एसपी लोगों की काली सूची बनाने को कह दिया. ब्यूरोक्रेसी भी सकते में आ गई कि कुर्सी से उतरने के बाद ऐसा रौब पहली दफे नज़र आ रहा. सो कानाफूसी शुरू हो गई. एक ज़िले के कलेक्टर ने पूछा- बूस्ट इस सीक्रेट आफ़ माय एनर्जी कहाँ से मिली. दूसरे ज़िले के कलेक्टर बोले, “ठाकुर साहब” के दिन आने वाले हैं….ख़ैर बताते चले कि अधिकारियों, ख़ासतौर पर ब्यूरोक्रेट्स की इन दिनों की भूमिकाओं पर दाऊ की पैनी नज़र है.
ऑक्सफ़ोर्ड उड़ेंगे प्रसन्ना
पंचायत विभाग के सेक्रेटरी आर प्रसन्ना एक साल के लिए यूनाइटेड किंगडम के रहवासी होंगे. एक वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए उनका चयन ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ है. प्रसन्ना वहाँ पब्लिक पॉलिसी का अध्ययन करेंगे. ज़ाहिर है उनके जाने से एक छोटा फेरबदल किया जाएगा. चर्चा है कि उनकी जगह अब्दुल कैसर हक़ को इसका प्रभार दिया जा सकता है. फ़िलहाल इस वक़्त वे पंचायत विभाग में बतौर डायरेक्टर काम कर रहे हैं. स्पेशल सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी हैं. छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी अमरेश मिश्रा भी ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में एक साल के पाठ्यक्रम के लिए चयनित हुए है. इस वक़्त अमरेश दिल्ली में एनआईए में सेवा दे रहे हैं.
मंत्री लखमा ने अधिकारियों की उड़ाई नींद
राहुल गांधी के प्रस्तावित बस्तर दौरे से पहले सरकार की तैयारी शुरू हो गई है, चूँकि राहुल गांधी को बस्तर के लिए आमंत्रित किया गया है, लिहाज़ा पूरे बस्तर में सरकार की बेस्ट प्रैक्टिसेस को ढूँढा जा रहा है. प्रभारी मंत्री होने के नाते इसकी ज़िम्मेदारी कवासी लखमा को दी गई है. बाक़ी सब तो ठीक है, कवासी का अंदाज़ बस्तर संभाग के कलेक्टर-एसपी के साथ-साथ हेलीकाप्टर पायलट के लिए भी भारी पड़ रहा है. कवासी अचानक हर जगह पहुँच रहे हैं. जिस ज़िले में 12 बजे का वक्त है, वहाँ वह 11 बजे धमक रहे हैं. कई ज़िलों में ऐसी भी स्थिति आई कि हेलीपैड पर उन्हें रिसिव करने अधिकारी भी नहीं पहुँच पाए. एक ज़िले में कवासी के हेलीकाप्टर की आवाज़ सुन कलेक्टर-एसपी भागे भागे नज़र आए….
चिंतन ने बढ़ाई बीजेपी के सांसद-विधायकों की चिंता
बीजेपी चिंतन शिविर के बाद नेताओं की चिंता बढ़ गई है. सांसद-विधायक बनकर नेतागिरी तक सीमित चेहरों को दो टूक कह दिया गया है कि यदि ज़मीन पर नहीं उतरे तो अगली बार ये सब भी नहीं मिलेगा. सांसद और विधायकों को सख़्त लहजे में चेता दिया गया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो जाए. बक़ायदा हर एक्टिविटी की रिपोर्टिंग दी जाए. इसके लिए संगठन स्तर पर एक महामंत्री को ज़िम्मेदारी सौंपी है. जो सांसद-विधायक रिपोर्टिंग नहीं करेगा, उसकी रिपोर्टिंग फिर सीधे दिल्ली होगी. विधायकों का तो ठीक है, अब सांसद कह रहे हैं कि पहले ही पीएम मोदी का रडार कम था जो अब राज्य के भीतर भी हर दिन का हिसाब-किताब देना होगा.