शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली महंगी हो गई है. इस बीच बिजली संकट भी है. जिस कारण गांव में आघोषित बिजली कटौती शुरू हो गई है. गर्मी में बिजली की मांग बढ़ गई. 12 हजार के करीब मेगावाट रोज डिमांड की है. 12 हजार की जगह सिर्फ 10 हजार के करीब बिजली उत्पादन हो रहा है. यानी जरूरत से भी कम बिजली का उत्पादन हो रहा है.

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इसके साथ ही 44 डिग्री तापमान के बीच आघोषित बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान हो गए हैं. आघोषित कटौती से किसानों की खेती को भारी नुकसान हो रहा है. कई जगहों पर ग्रामीण और बिजली के विभाग के बीच विवाद का वीडियो भी सामने आया है. मांग पूरी नहीं होने के कारण ग्रामीण इलाकों में 4 घंटे से ज्यादा अघोषित कटौती की जा रही है. विद्धुत मंडल अभियंता संघ ने मांग की है कि सरकार तुरंत ध्यान दे और जवाब दे कब तक कटौती होगी. जहां जो भी दिक्कत आ रही है, उसकी तत्काल समीक्षा होनी चाहिए.

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MSME मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने सस्ती बिजली देने की मांग की है. मध्यप्रदेश के उद्योगपतियों को सस्ती बिजली मिलनी चाहिए. इंड्रस्टी को मिलने वाली बिजली 5 रुपये प्रति यूनिट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. कई बार कैबिनेट में इसको लेकर अपना पक्ष रख चुका हूं और आगे भी करता रहूंगा. इससे कॉस्ट कम होगी और ज्यादा रोजगार पैदा होगा. लड़ाई जारी है. लड़ाई चलती रहेगी और लड़ाई में हम जरूर जीतेंगे. यह भी विश्वास है.

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