Maharashtra: महाराष्ट्र चुनाव परिणाम आए हुए 16 दिन बीत चुके हैं। बावजूद इसके महायुति के घटल दलों (बीजेपी-शिवसेना और एनसीपी) के बीच ‘पावर गेम’ जारी है। पहले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सीएम पद छोड़ने को राजी नहीं हुए। काफी मान-मनौव्वल के माने तो गृह मंत्रालय लेने पर अड़ गए हैं। वहीं सीएम सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) अपने पास रखना चाहते हैं। उन्होंने शिंदे को बाकी विभागों के ऑफर दिए हैं। हालांकि शिंदे मान नहीं रहे हैं लेकिन फडणवीस को देखकर लग रहा कि शिंदे को यहां भी उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ सकता है। शिंदे ने पहले सीएम की कुर्सी गंवाई और अब गृह मंत्री बनने की मुराद भी पूरी होती नहीं दिख रही है।
सीएम रहे एकनाथ शिंदे भले ही अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने और उद्धव ठाकरे से शिवसेना की विरासत जीतने में कामयाब रहे हों, लेकिन महायुति में बीजेपी के बड़े भाई की भूमिका में आने के बाद उन्हें पावर गेम में एक के बाद एक झटका लग रहा है। शिंदे ने पहले सीएम की कुर्सी गंवाई और अब गृह मंत्री बनने की मुराद भी पूरी होती नहीं दिख रही है जबकि अजित पवार के खाते में वित्त विभाग जाना लगभग तय माना जा रहा है।
फडणवीस कैबिनेट में मंत्री पद का बंटवारा सीटों की ताकत के हिसाब से ही होगा। एकनाथ शिंदे की शिवसेना लगातार होम मिनिस्ट्री की डिमांड कर रही है। ऐसे में बीजेपी गृह मंत्रालय के बदले ज्यादा मंत्री पद और अन्य मलाईदार विभाग सौंप सकती है। बीजेपी गृह विभाग के अलावा ऊर्जा, जल संसाधन, आदिवासी कल्याण, आवास, ग्रामीण विकास, ओबीसी कल्याण और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभागों को अपने पास रखना चाहती है।
शिंदे सरकार के दौरान बीजेपी के पास राजस्व और लोक निर्माण विभाग भी था. शिवसेना शहरी विकास को अपने पास रखती है, तो राजस्व/लोक निर्माण विभाग बीजेपी के पास वापस आ जाएगा। हालांकि, शिवसेना को उद्योग, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और स्वच्छता, लोक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रम), अल्पसंख्यक विकास और वक्फ बोर्ड विकास, अपने पास रखती है तो उसको मराठी भाषा पर प्राथमिकता मिलेगी, जो पिछली सरकार में उसके पास थी।
एकनाथ शिंदे बैकफुट पर, बीजेपी फ्रंटफुट पर खेल रही
मुख्यमंत्री बनने के बाद से देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी फ्रंटफुट पर खेल रही है. सत्ता की बागडोर ही नहीं बल्कि सियासी पावर को भी बीजेपी अपने हाथ में रखना चाहती है। शिवसेना की गृह मंत्रालय की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं है। ऐसे में बीजेपी ने शिंदे खेमा को गृह के बजाय राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग में से चुनने का विकल्प दिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी ने शिवसेना को स्पष्ट कर दिया है कि वह गृह मंत्रालय नहीं दे सकती है. इसके बदले में उन्हें दूसरे अन्य विभाग देने को तैयार है। शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने का दबाव बनाया जा रहा है। गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट, भरत गुगवले समेत कई शिवेसना नेता शिंदे को गृह मंत्री बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन इस पर बीजेपी तैयार नहीं है।
फडणवीस के पास लंबे समय तक रहा गृह विभाग
देवेंद्र फडणवीस ने 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहते हुए गृह मंत्रालय अपने पास रखा था। इस दौरान उन्होंने कई अहम और सुधार भरे कदम उठाए थे। फडणवीस सरकार द्वारा की गई पहल से पुलिस बल को एकजुट करने में मदद मिली थी। शिंदे के ढाई साल के दौरान भी गृह मंत्रालय फडणवीस के पास था। यही वजह है कि फडणवीस हर हाल में इस विभाग को अपने पास रखना चाहते हैं।
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