राजकुमार पाण्डेय की कलम से

रिपोर्ट कार्ड में जानबूझकर देरी का फॉर्मूला

2 साल की उपलब्धियों को लेकर रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे मंत्रियों से सवाल-जवाब भी तीखे होने लगे हैं. पब्लिक से जुड़े विभागों के मंत्रियों को तो सीधे सवालों का सामना करना पड़ रहा है. इससे बचने के लिए अफसरों ने पहले तो फॉर्मूला निकाला कि एक दिन में 2 से 3 मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस हो जाए, लेकिन कुछ मंत्रियों के यहां यह फॉर्मूला भी काम नहीं आ सका. तीखे सवाल-जवाब से बचने के लिए एक OSD साहब ने तो तरकीब निकाली कि अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस डेढ़ घंटे बाद है. ऐसे में पहली कॉन्फ्रेंस ही आधा से पौन घंटे देरी से शुरू की जाए, ताकि सवालों के लिए समय ही न मिल सके.

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SIR में पिछड़ने का कारण धरना-आंदोलन

पढ़ने और सुनने में भले ही यह अजीब लगे, लेकिन एक जिला जब एसआईआर के काम में पिछड़ा तो कलेक्टर महोदय ने आगे रहकर यह कारण बता दिया. तर्क अजीब जरूर लगे, लेकिन कार्यालय के एक बाबू से खबरों की कटिंग की ऐसी मोदी फाइल तैयार करवाई गई कि यदि कारण बताओ नोटिस आ जाए तो एक जवाब तो दे सकने की कंडीशन में रहें. हालांकि एसडीएम स्तर पर चली मुहिम रंग ले आई और बाबू की तैयार फाइल कलेक्टर कार्यालय में धूल खा रही है.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों का धर्म ‘भ्रष्ट’!

मध्यप्रदेश में सरकार के 2 साल पूरे होने पर अलग-अलग विभाग की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है. प्रेसवार्ता में मंत्री और अधिकारी अपना गुणगान कर रहे हैं. तारीफों की प्रेस कांफ्रेंस के बाद विभागों की तरफ से पत्रकारों को लंच दिया जा रहा है, लेकिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों का धर्म नष्ट हो गया. दरअसल, वेज खाने के साथ दो काउंटरों पर नॉनवेज परोस दिया गया, वो भी वेज की तरह पाव भाजी की जगह कीमा और वेज कटलेट की जगह फिश कटलेट का स्टाल लगा दिया गया. जल्दबाजी में कई पत्रकार वेज समझकर प्लेट में रख लिए. जब तक उन्हें कोई बता पाता तब तक धर्म ‘भ्रष्ट’ हो चुका था.

इस्तीफा से पहले नामंजूर की लिखी गई स्क्रिप्ट !

मध्यप्रदेश कांग्रेस में शनिवार को सियासी ड्रामा देखने को मिला. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने खुद पत्रकारों को अपना इस्तीफा भेजा फिर फोन स्विच ऑफ कर लिया. जब इसको लेकर संगठन से संपर्क किया गया तो तुरंत कहा गया उनका इस्तीफा नामंजूर किया जाता है. यानी इस्तीफा से पहले उसे नामंजूर करने की स्क्रिप्ट लिख दी गई थी. कांग्रेस सूत्र बताते हैं मुकेश नायक, अभय तिवारी को कम्युनिकेशन हेड बनाए जाने के बाद से कई बार इस्तीफे की धमकी दे चुके थे. करीब 2 महीने पहले प्रदेश अध्यक्ष के बंगले पर एक दर्जन प्रवक्ताओं को लेकर नायक साहब डेरा डाल चुके है और मांग कर चुके थे कि अभय तिवारी को हटाया जाए. तभी से संगठन को आशंका थी कि मुकेश नायक इस्तीफा दे सकते हैं. इसलिए त्यागपत्र से पहले उसके अस्वीकार की स्क्रिप्ट लिख दी गई थी.

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