राजकुमार पाण्डेय की कलम से
विभाग की ऐसी उधारी देखी क्या…
प्रदेश के बड़े विभाग में एक महकमा नगरीय विकास एवं आवास भी है. जितना बड़ा विभाग उतना ही घालमेल. स्थिति ऐसी है कि अफसर छोटी मोटी कंपनियों के नहीं बल्कि मल्टी नेशनल और देश की शीर्ष शिक्षण संस्थाओं को नगरीय प्रशासन संचालनालय ने करोड़ों का चुना लगाया. इनमें सर्वे के बाद भुगतान, सीपीआर, कंसल्टेंसी फीस के मामले हैं. यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि देश की शीर्ष एक शिक्षण संस्थान में इंजीनियर HOD तक का पैसा हजम किया गया, जबकि होड़ सब देश नहीं बल्कि विदेशों में विख्यात हैं. जो मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय के विभाग से ठगे गए। साहब काम के बदले दाम भी जरूरी है.
क्या मंत्रालय में हो गई हैकिंग..
इन दिनों मंत्रालय के कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़बड़ी का माहौल है. ये हड़बड़ी जो है गड़बड़ी की आशंका से जुड़ी हुई है. दरअसल, मंत्रालय में एक के बाद एक अफसरों और कर्मचारियों के पास मैसेज आ रहे हैं. जब कर्मचारियों ने आपस में बात की तो खबर भी फैलती चली गई। कर्मचारियों को आशंका है कि कही ये हैकिंग का तरीका तो नहीं. जब सरकार की वेबसाइड को कई बार हैक किया गया तो ये भी नया तरीका हो सकता है. एक मैसेज और सरकारी जानकारी के एक्सेस. चिंता का कारण भी वाजिब है, क्योंकि सरकार के पूरे काम ऑनलाइन हो गए हैं. कई काम तो सरकारी मोबाइल पर आए OTP के बाद ही होते हैं. बड़े आश्चर्य की बात तो ये है कि मैसेज सिर्फ सरकारी नंबर पर आ रहे हैं, निजी नहीं.
ये भी पढ़ें: पॉवर गॉशिप: तारीफ मतलब अलर्ट हो जाओ…आंदोलन के लिए जिलाध्यक्षों ने ही भरी हवा…नींद नहीं गहरी नींद में वन विभाग…ट्रांसफर में दाम लेकर काम न करना पड़ेगा महंगा…पायलट प्रेम से परेशान पुलिस मुख्यालय…
डोभाल और डेका एमपी कैडर के आईपीएस की मदद
कभी देश की सुरक्षा संभालने वाले अजीत डोभाल का जिक्र आज इसलिए हो रहा है. क्योंकि उनकी मदद से ही मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी का भला हुआ. अधिकारी की मुलाकात डोभाल से केंद्रीय एजेंसी के डायरेक्टर ने कराई. मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी और केंद्रीय एजेंसी के डायरेक्टर ट्रेनिंग के दौर में हैदराबाद में रूम पार्टनर थे. इसी बात का फायदा अपनी पोस्टिंग के लिए उठाया. जब कई अफसर पोस्टिंग की रेस में थे. उन्होंने तत्काल अपने ट्रेनिंग वाले साथी की मदद ली और पोस्टिंग करवा ली. इस बात की चर्चा इसलिए हो रही है कि दिल्ली में नियुक्ति के लिए महिला अधिकारी ने भी ठीक इसी तरीके का पैटर्न अपनाया. उन्होंने भी अपने क्लासमेट और साथ में केंद्रीय प्रति नियुक्ति पर काम कर चुके अधिकारी की मदद ली. वैसे मध्य प्रदेश में उनका कोई कामकाज खास ठीक नहीं था. अधिकांश समय प्रतिनियुक्ति में ही बिताया. अंदर खाने की चर्चा है कि अब साथ में कई और अधिकारियों को दिल्ली में पदस्थ करवाने की कोशिश हो रही है.
ये भी पढ़ें: पॉवर गॉशिप: पीएस से अधिक बेटी की चिंता… पद नहीं सम्मान चाहिए… ‘वोट चोरी’ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आखिरी समय पर बिगड़ गया मामला… महिला मंत्री का पीए, पीएस पर भारी…नेताजी के चक्कर में तहसीलदार उलझे…कांग्रेस में चालबाजी या चालाकी…
विरोधी मैदान से गायब, नहीं पकड़ रहे मैदान
संगठन सृजन के तहत जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद मध्यप्रदेश के कई इलाकों में विरोध देखने को मिला. विरोध की आग दिल्ली तक पहुंची आलाकमान से शिकायत की गई. अब विरोध करने वाले खेमे ने चुप्पी साध ली है और शांत है. अब दूसरा गुट चिंतित है. दिल्ली तक दस्तक देने के बाद अचानक शांत की वजह क्या है. उधर वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान के तहत प्रदेशभर में रैलियां निकाली जा रही है. जिला अध्यक्ष अपने दम पर भीड़ इकट्ठा कर रहे है. अध्यक्ष बनने से जो चूक गए वो सभी मैदान से गायब हैं और कांग्रेस की महफिलों से भी.
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें