राजकुमार पाण्डेय की कलम से
जब रोक दिया मंत्री जी को
भाई हाई क्लास मामला चल रहा है. मामला है मध्य प्रदेश स्थापना दिवस का. जब एयरपोर्ट पर मंत्री जी को रोक दिया गया. दरअसल, एक मंत्री कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, उनके पास कोई ऐसी अधिकृत पात्रता नहीं थी जो उन्हें बिना एरोप्लेन टिकट के सीधे अंदर पहुंचा पाए. रही बात सीआरपीएफ के अफसर की तो वह क्या जाने कोई हरियाणा से कोई पंजाब से कोई दिल्ली से कोई कोलकाता से कोई कही कही से, तो वायु की गेट पर पहुंच गए मंत्री जी.. मंत्री जी को रोक लिया कहा पास कहां है. मंत्री जी के स्टाफ ने बोला यह माननीय मंत्री जी हैं, फालना डिपार्टमेंट के.. सुरक्षा अधिकारियों ने कहा या तो पास लो या तो परमिशन दिखाओ. मंत्री जी तो नहीं माने, कुछ कहते इससे पहले राज्य सरकार के अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से सीआरपीएफ के अधिकारियों को समझाया. तब भी अधिकारी नहीं माने. करीब 10 मिनट बाद मंत्री जी को एंट्री मिल पाई. एंट्री भी तब मिली जब ऊपर से फोन सीआरपीएफ के अफसर के पास पहुंचा. मतलब समझे कि नहीं.
अरे गजब कर गये जीतू भाई
मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, जिनके कार्यकाल में ऐतिहासिक रूप से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं, नेताओं, पूर्व मंत्रियों, पार्षदों, सांसदों पदाधिकारी ने कांग्रेस को नमस्ते लंदन टाइटल बाय-बाय कहा. इतना ही काफी नहीं बल्कि इन्हीं जीतू पटवारी के कार्यकाल में कांग्रेस ऐसी सिमट गई, मानों की पहले कभी ना मुट्ठी में समाई थी. उसके बावजूद भी पटवारी जी की तारीफ देनी चाहिए. कब गाय आएगी कब दूध देगी, कब माही बनेगा कब की बनेगा. इसका तो पता नहीं कांग्रेस में, लेकिन उप मुख्यमंत्री अपनी लंबी जवानी से जरूर घोषित कर दिया और किया भी किसी आरिफ मसूद को. जिनके नाम पर वर्तमान में ही संगठन में कोई सहमति नहीं है, पदों को लेकर बात उप मुख्यमंत्री की करते हैं. शेखचिल्ली के ख्वाबों के बारे में तो सुना था, लेकिन देखा आज है.
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मंत्री ने साइन किए और रोक दी फाइल
मंत्री के प्रमुख कामकाज देखने वाले अफसरों के एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आ ही जाते हैं. ताजा मामला एक प्रमुख विभाग में सामने आया है. जहां मंत्री को जानकारी दिए बगैर ही अफसर महोदय ने फाइल ओके कराने का वादा कर लिया. बंगला स्तर की टेबल से होते हुए फाइल मंत्रालय भी पहुंच गई और वहां मंत्री महोदय ने फाइल पर साइन भी कर दिए. साइन करने के बाद मंत्रीजी ने फाइल पलटी तो मंत्री अचरज में पड़ गए कि विषय तो उनके संज्ञान में ही नहीं है. पूछताछ हुई तो मंत्रीजी समझ गए कि अफसर की ही कारस्तानी है. लिहाजा, साइन हो चुकी फाइल मंत्रीजी ने रोकने के मौखिक आदेश जारी कर दिए.
गाड़ी खड़ी कर होटल में सो जाती है पुलिस
मामला मध्य प्रदेश के एक प्रमुख शहर का है. रात में गश्ती के लिए सरकारी गाड़ी लेकर निकलने वाली टीम इन दिनों होटल में खूब आराम फरमा रही है. रात करीब एक बजे पुलिस की गाड़ी होटल पहुंचती है और रात्रिकालीन गश्ती की जिम्मेदारी निभाने वाले पुलिसकर्मी सुबह 6 बजे तक होटल में आराम फरमाते रहते हैं. सुना है होटल और होटल के बाहर खड़ी पुलिस के गाड़ी के फोटो-वीडियो भी कप्तान तक पहुंच गए हैं, लेकिन अब तक डयूटी के दौरान आराम फरमाने वाले पुलिसकर्मियों की नींद में किसी तरह की खलल उत्पन्न नहीं हुई है.
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कांग्रेस के बड़े पद पर परिवर्तन की तैयारी
मध्य प्रदेश कांग्रेस में पार्टी और पार्टी के संगठन में कई महत्वपूर्ण पद हैं. कुछ जिलाध्यक्षों के नामों में बदलाव की अटकलों के बीच संगठन के एक महत्वपूर्ण पद पर बदलाव करने की कवायद की चर्चा जोरों पर है. बताया जा रहा है नए नाम को लेकर हाईकमान तक मैसेज भी भेजा गया है. दलील दी गई है नेताजी क्षेत्र में प्रभावशील और ऊर्जावान हैं, लेकिन जीवनभर की सेवा के बाद भी स्थानीय सीट रिजर्व होने से लाभ नहीं मिल पाया है. ऐसे में इस ऊर्जा का उपयोग संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर करना चाहिए. नए नाम पर दिल्ली में भी मंथन भी हो चुका है.
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