रवि गोयल, जांजगीर-चांपा. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों को घर उपलब्ध कराने के लिए बनाया है. लेकिन इस योजना में कहीं-कहीं बड़ी गड़बड़ियां भी हो रही है. कुछ जगहों पर जनप्रतिनिधि इस योजना को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. जिंदा तो जिंदा मरे हुए व्यक्ति को भी इस योजना का लाभ मिल जा रहा है. लेकिन असल में लाभ मरे हुए व्यक्ति के नाम जिंदा लोग ही ले रहे हैं.
भ्रष्टाचार का अनोखा मामला जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोता का है. इसका खुलासा गांव के व्यक्ति महेश कुमार सारथी ने किया. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनके नाम पर स्वीकृति नहीं मिली. वहीं दूसरे संपन्न व्यक्ति को मिल गई, इस पर उसे शक हुआ. आरटीआई से कागजात निकलवाई तो वो हैरान रह गए, उन्होंने इसकी शिकायत जिला पंचायत सीईओ अजित वसंत से की. मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोप की जांच की.
जांच में सरपंच तीरथ गभेल और सचिव शत्रुघन साहू की बड़ी लापरवाही उजागर हुई. मृत व्यक्ति के नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कराकर दूसरे व्यक्ति को देना पाया गया. इसके अलावा उसके नाम से 1 लाख 20 हजार की राशि निकाली गई.
आरोप सही पाए जाने पर जिला पंचायत सीईओ ने सचिव शत्रुहन साहू को निलंबित कर दिया. साथ ही दोनों से 1 लाख 20 हजार रुपए वसूल कर राजस्व रिकार्ड में जमा करवाया गया.
जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद जांच कराई. जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने पर सचिव को निलंबित किया गया. सचिव को आरोप पत्र जारी किए गए हैं. जवाब संतुष्टजनक नहीं पाए जाने पर विभागीय जांच की जाएगी.