हकिमुददीन नासिर, महासमुंद. काम करने वाली महिलाओं को मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने, जज्चा- बच्चा को पोषण आहार मिल सके, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना महासमुंद जिले के गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है. गर्भवती महिलाएं इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि से फल, गुण, ड्राई फ्रूट आदि लेकर जहां स्वस्थ बच्चे को जन्म दे रहे, वहीं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है.

महासमुंद जिले में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई, तब से लेकर आज तक हजारों महिलाओं ने इसका लाभ लिया. इसके परिणाम स्वरूप डिलवरी के बाद जज्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. इस योजना को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के 1791 आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. पिछले एक वर्ष में 6565 गर्भवती महिलाओं ने पंजीयन कराया था और 5151 गर्भवती महिलाओं को इस योजना के तहत तीन किस्तों मे 5-5 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रुप में मिला. पहला किस्त 1 हजार रुपये का गर्भ धारण पश्चात आंगनबाड़ी में पंजीयन कराने के बाद, दूसरा किस्त 2 हजार रुपए गर्भ धारण के 6 माह बाद एवं तीसरा किस्त 2 हजार रुपए का डिलवरी के पश्चात दिया जाता है.

जिले के 1791 आंगनबाड़ियों में से एक है वार्ड नं 26 का आंगनबाड़ी, जहां 2017 से लेकर अभी तक 22 गर्भवती महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया गया है. लाभ प्राप्त कर चुकी गर्भवती महिलाओं का कहना है कि शासन कि ये अच्छी योजना है. इसके तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि से हम महिलाएं पौष्टिक आहार लेते हैं, ताकि मै और मेरा बच्चा स्वस्थ रहे.

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के संदर्भ में जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि हम लोग घर-घर जाकर इस योजना का लाभ गर्भवती माताओं को समय पर देते हैं, वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने एवं जज्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 5 हजार की राशि इस योजना के तहत दिया जाता है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस योजना में बदलाव करते हुए तीन किस्तों मे मिलने वाले प्रोत्साहन राशि को अब 2.5 – 2.5 हजार के दो किस्तों में देने के साथ दूसरी डिलवरी में बालिका के जन्म पर एक मुश्त 6 हजार रुपए देने का ऐलान किया है.

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