प्रदोष व्रत: प्रदोष काल भगवान शिव की अराधना के लिए काफी शुभ माना जाता है. इस दिन भोलेबाबा की पूजा करने से भक्तों को मनवांछित फल मिलता है. प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह तड़के उठकर स्नान करें. इसके बाद व्रत करने का संकल्प लें. उसके बाद पूरे दिन भगवान शिव के नाम का जाप करें. इसके बाद शाम को दोबारा स्नान करें और फिर प्रदोष काल में शिव पूजा शुरू करें.
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस दिन भोलेबाबा की पूजा-पाठ करते हैं. उन पर भगवान शिव खुश होकर उनकी सारी परेशानियों को दूर होने का आशीर्वाद देते हैं. इस बार त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 19 जून को सुबह 7 बजकर 28 मिनट से होगा और इसके अगले दिन यानी 20 जून को सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर तिथि का समापन होगा. ऐसे में 20 जून को प्रदोष व्रत किया जाएगा. प्रदोष व्रत मे भगवान शिव को पूजने से घर में सुख शांति का माहौल बना रहता है.
प्रदोष व्रत के उपाय
1) पीतल के लोटे में जल लेकर उसमें हल्दी, गुड़ और चने की दाल मिलाएं और यह जल केले के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं.
2) शिव मंदिर में जाकर पुजारी को पूजा की किताब,पीली मिठाई, पीले फल दान में दें, ये उपाय करने से महादेव का आशीर्वाद बरसने लगेगा.
3) अच्छी सेहत पाने के लिए प्रदोष व्रत वाले दिन शिव मंदिर में सूखा नारियल चढ़ाएं.
4) भोलेनाथ से मनचाहा वरदान चाहिए तो प्रदोष पूजा में दौरान सफेद चंदन, आक के फूल, बेलपत्र, रुद्राक्ष, भांग, धतूरा,शमीपत्र चढ़ाएं.
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