मुंबई: 2008 के मालेगांव धमाका मामले में हाइकोर्ट से ज़मानत के बाद साध्वी प्रज्ञा पहली बार मीडिया के सामने आई. साध्वी प्रज्ञा करीब 9 साल से जेल में थीं. मीडियो को संबोधित करते हुए उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को कांग्रेस की साज़िश बताया. उन्होंने कहा कि वह अभी पूरी तरह से मुक्त नहीं हुई हैं और उन्हें अभी भी लगता है कि वह अर्ध मुक्त हैं और मानसिक रूप से बंधन में हैं. उन्होंने कहा कि वह अस्वस्थ हैं और अब जमानत मिलने के बाद वह अपना इलाज बेहतर तरीके से करवा पाएंगी.

साध्वी प्रज्ञा ने मीडिया के रोल पर बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के षडयंत्र से प्रेस भी प्रभावत हो गई थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का प्रयोग किया था लेकिन सच तो यह है कि जो विधर्मी होते हैं वहीं भगवा को आतंकवाद समझते डरते हैं और उन्हें डरना भी चाहिए.’

उन्होंने कहा कि कांगेस की वजह से मुंबई एटीएस उन्हें बहुत प्रताड़ित किया. उन्हें पुरुष  पुलिसकर्मियों ने प्रताड़ित किया. उन्होंने कहा कि वे शारीरिक रुप से टूट गई हैं लेकिन मानसिक रुप से मजबूत हैं.

गौरतलब है कि 2008 के मालेगांव धमाका मामले में हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 5 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है. वहीं कर्नल पुरोहित की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इसके पहले जांच एजेंसी एनआईए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को अपनी जांच में क्लीन चिट दे चुकी है बावजूद इसके ट्रायल कोर्ट साध्वी की जमानत खारिज कर चुकी है. एनआईए का दावा है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक सबूत नहीं है. इसकी वजह है मामले पर मकोका कानून का न बनना, जबकि ट्रायल कोर्ट ने अभी तक मकोका हटाने पर कोई फैसला नही दिया है.

29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी और 101 लोग घायल हुए थे. महाराष्ट्र एटीएस ने अपनी जांच में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित 11 लोगो को गिरफ्तार किया था. बाद में जांच एनआईए को दे दी गई.