नई दिल्ली। चंद्रमा की सतह पर बीते 12 दिनों से उतरे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के जरिए रोज मिल रही जानकारियों पर अब विराम लग गया है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर एक दिन बाद रात हो जाएगी, जिसे ध्यान में रखते हुए इसरो ने रोवर प्रज्ञान को स्लीप मोड में डाल दिया है. रात खत्म होने के बाद (14 पृथ्वी दिन के बराबर) इसरो इन्हें जगाने की कोशिश करेगा.

ISRO ने बताया कि रोवर प्रज्ञान के APXS और LIBS पेलोड्स को बंद कर दिया गया है. इसके अलावा प्रज्ञान को सुरक्षित जगह पर पार्क करवाकर स्लीप मोड में डाल दिया गया है. इसके अलावा सारा डेटा पृथ्वी तक पहुंचा दिया गया है. क्योंकि रात के अंधेरे में अगर कोई अनहोनी होती है, तो इससे अब तक का अध्ययन बेकार नहीं होना चाहिए.

एक दिन के हिसाब से किया गया है तैयारी

इसरो ने रोवर प्रज्ञान को एक चंद्र दिन के हिसाब से तैयार किया है. लिहाजा, रात बीतने और दोबारा सूर्योदय होने पर रोवर फिर से किस तरह काम करना शुरू करेंगे, यह इसरो के लिए एक कड़ी परीक्षा होगी. चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव में रात का तापमान माइनस 238 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है.

सूर्योदय के लिए तैयार है लैंडर और रोवर

लूनर नाइट खत्म होने के बाद रोवन प्रज्ञान और लैंडर विक्रम के जागने की अच्छी खासी संभावना है. ठंड में लैंडर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब नहीं होंगे. वहीं रोवर की बैट्री पूरी तरह से चार्ज है. ऐसे में सूर्योदय के बाद मिलने वाली रोशनी से 22 सितंबर को यह फिर से काम करना शुरू कर सकता है. हालांकि, किसी वजह से अगर ये दोनों क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो इसरो के पास इन्हें दोबारा शुरू करने का कोई प्लान नहीं है.