Prashant Kishor Jan Suraaj Constitution: अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly elections) में अपना सिक्का आजमाने उतरे चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) अध्यक्ष प्रशांत किशोर नये-नये ऐलान कर रहे हैं। सत्ता में आने के 1 घंटे के अंदर बिहार में शराबबंदी (liquor ban in bihar) से प्रतिबंध हटाने का ऐलान करने वाले जन सुराज पार्टी अध्यक्ष ने एक नया घोषणा कर BJP-JDU और RJD के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। यह ऐलान जन सुराज के संविधान से जुड़ा हुआ है. पीके ने ऐलान किया है कि जन सुराज देश की पहली पार्टी होगी जो अपने संविधान में ‘राइट टू रिकॉल’ यानी चुने हुए प्रतिनिधि को वापस बुलाने का प्रावधान जोड़ेगी। बुधवार (18 सितंबर) को जन सुराज की ओर से बयान जारी किया गया है।
बता दें कि पार्टी के गठन से पहले प्रशांत किशोर अपनी पदयात्रा और विभिन्न बैठकों के माध्यम से जनता के सामने जन सुराज पार्टी की रूपरेखा पर चर्चा कर रहे हैं। इसी बीच बड़ी बात कही है।
दरअसल, पार्टी के गठन से पहले प्रशांत किशोर अपनी पदयात्रा और विभिन्न बैठकों के माध्यम से जनता के सामने जन सुराज पार्टी की रूपरेखा पर चर्चा कर रहे हैं। साथ ही वे यह भी बता रहे हैं कि जन सुराज किस तरह से अन्य राजनीतिक दलों से अलग और बेहतर विकल्प होगा। ऐसे में प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कर दिया है कि जन सुराज अपने संविधान में यह प्रावधान जोड़ रहा है, जिससे मतदाता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों को उनके कार्यकाल के आधे समय यानी ढाई वर्ष के बाद हटाने का अधिकार रख सकेगी।
बता दें कि 15 सितंबर को प्रशांत किशोर ने बिहार की सत्ता में आने के 1 घंटे के अंदर बिहार में शराबबंदी (liquor ban in bihar) से प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया था। मीडिया से बात करते हुए जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी ‘अपनी सरकार बनाने के एक घंटे के भीतर शराबबंदी को समाप्त कर देगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी के कारण अवैध घरेलू शराब वितरण बढ़ गया है और राज्य को 20,000 करोड़ रुपये के संभावित उत्पाद शुल्क राजस्व से वंचित कर दिया है। उन्होंने राजनेताओं और नौकरशाहों पर भी अवैध शराब व्यापार से लाभ उठाने का आरोप लगाया।
शराबबंदी नीतीश कुमार का ढकोसला
प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी का फैसला नीतीश कुमार की तरफ से एक ढकोसला है। किशोर ने मौजूदा शराबबंदी की आलोचना की और दावा किया कि यह अप्रभावी साबित हुई है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण अवैध घरेलू शराब वितरण बढ़ गया है और राज्य को 20,000 करोड़ रुपये के संभावित उत्पाद शुल्क राजस्व से वंचित कर दिया है। उन्होंने राजनेताओं और नौकरशाहों पर भी अवैध शराब व्यापार से लाभ उठाने का आरोप लगाया। किशोर ने यह भी कहा कि वे ‘काबिलियत की राजनीति’ में विश्वास करते हैं और शराबबंदी पर बोलने से नहीं हिचकिचाएंगे।
विस चुनाव में 40 मुस्लिम कैंडिडेट उतारेगी जन सुराज
हाल ही में प्रशांत किशोर ने मंच से ऐलान किया था कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में कम से कम 40 मुसलमान उम्मीदवारों को टिकट देगी.
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