कुंदन कुमार, पटना। जनसुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर विपक्षी नेताओं पर लगातार गंभीर लगाते आ रहे हैं। इस बीच आज सोमवार (29 सितंबर) को एक बार फिर से उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीके ने चर्चित शिल्पी-गौतम हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि, सम्राट चौधरी उस केस में अभियुक्त थे। सीबीआई ने जांच में उनका सैंपल टेस्ट लिया था या नहीं? सम्राट चौधरी को यह सब मीडिया के सामने आकर बताना चाहिए।
पीके ने कहा कि, शिल्पी-गौतम हत्याकांड में लालू यादव के साले साधु यादव भी अभियुक्त बनाया गया था। लालू यादव का तब सरकार था, उन्होंने अपना प्रभाव दिखाते हए केस को बंद करा दिया, लेकिन वह केस खत्म नहीं हुआ है। पटना का एक-एक आदमी को वह घटना याद है।
प्रशांत किशोर ने आगे तंज कसते हुए कहा कि, वह घटना अब तो राकेश कुमार बताएं या फिर आज के सम्राट चौधरी बताएं कि उस केस में उनकी क्या भूमिका थी? उस केस में यह नाम (राकेश कुमार) उस समय थे या नहीं थे और थे तो उन्होंने इसको डिस्क्लोज क्यों नहीं किया?
वहीं, बीजेपी द्वारा पीके के पास कहां से पैसा आ रहा है के सवाल पर उन्होंने कहा कि, मैंने अपनी बात बताई है कि हमारे पास पैसा कहां से आया है? कितना किसने दिया? कितना टैक्स भरा? और जो पैसा बचा उसका मैंने क्या किया?
अशोक चौधरी से पहले पाक-साफ बताने वाले वैभव विकास पर सीधे सवाल है कि जनता देख रही है कि अगर आप ईमानदार हैं तो सामने आइए और जवाब दीजिए की 100 करोड रुपए की संपत्ति आपने पिछले एक डेढ़ साल में पटना में कैसे खरीदी है? और अशोक चौधरी ने इसमें आपको पैसा दिया है या नहीं? किसी दूसरे ने दिया है कि नहीं? तीसरी बात मैंने अशोक चौधरी पर 200 करोड़ का बेनामी संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया है, आज अशोक चौधरी ने शायद यह कहां है कि वह कानूनी दाव पेंच छोड़कर राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे। इससे बात नहीं बनेगी। कानून का मदद लेकर जनता के आंख में धूल झोंकने का जो कोशिश किए हो अशोक चौधरी या तो कल मानहानि का नोटिस आधिकारिक तौर पर वापस लीजिए नहीं तो 7 दिन के अंदर आप पर 500 करोड़ की जो और बेनामी संपत्ति का कागज मेरे पास है उसको भी बिहार के जनता के सामने जारी करेंगे।
चौथी बात, जो मैंने बताई अभी के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जो 6 लोगों की हत्या के अभियुक्त हैं और कोर्ट ने जिनको राहत नहीं दी। बरी नहीं किया, सिर्फ नाबालिक होने के गलत सर्टिफिकेट की वजह से कोर्ट ने इनको छोड़ा है। अशोक चौधरी ने खुद मान लिया है अपने इलेक्शन में की 1995 में उनकी उम्र 26 साल थी तो अब अशोक चौधरी को तुरंत पद से बर्खास्त करके उनको गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
पीके ने सरकार से दोनों मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि, सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी यह दोनों चौधरी-चौधरी में कंफ्यूज करके सम्राट चौधरी उपमुख्यमंत्री जो 6 हत्या के अभियुक्त हैं। इनको पद से सिर्फ इस्तीफा नहीं देना है। इनको आपकी पुलिस को गिरफ्तार करना होगा, अगर आपकी पुलिस इन्हें गिरफ्तार नहीं करती है, तो जन सुराज कोर्ट में मूव करेगा। कल हम लोग गवर्नर से मिलने के लिए टाइम मांगेंगे।
पीके ने कहा कि, और अंतिम बात जो मैंने कहा कि, अगर इससे भी बात नहीं बनती है और इनका आपराधिक चरित्र खुलकर नहीं आपको दिखता है तो शिल्पी-गौतम हत्याकांड में अपनी भूमिका पर आकर प्रेस में बता दें कि यह उसमें एक संदिग्ध अभियुक्त के तौर पर सीबीआई ने इनकी जांच करी थी कि नहीं करी थी? अगर यह कहते हैं नहीं की थी तो हम आपके डॉक्यूमेंट जारी करेंगे सीबीआई के डॉक्यूमेंट की उनकी स्थिति उसमें क्या थी?
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