Bihar News: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान आज 22 जुलाई 2025 को मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी दल के कई विधायकों ने काले कपड़े पहनकर सदन पहुंचे और वेल में प्रवेश कर नारेबाज़ी की। विपक्ष के भारी विरोध को देखते हुए स्पीकर नंद किशोर यादव ने कल सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थग्ति कर दिया।
SIR पर प्रंशात किशोर का बड़ा बयान
वहीं, एसआईआर को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सारन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि, हम पहले दिन से ही इसके (SIR) खिलाफ हैं। हम कहते आ रहे हैं कि चुनाव आयोग ने समाज के उन लोगों के नाम हटाने का प्रयास किया है, जो सत्ताधारी दल के खिलाफ हैं, जो प्रवासी मजदूर हैं, जो गरीब हैं, जो व्यवस्था से नाखुश हैं।
उन्होंने कहा कि, चुनाव आयोग को किसी की नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं है। अगर चुनाव आयोग आपका नाम हटा रहा है, तो आपको इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। सरकार चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, नवंबर में नीतीश कुमार, NDA को सत्ता से जाने से कोई नहीं रोक सकता।
‘SIR बीजेपी को चुनाव सौंपने की प्रक्रिया’
वहीं, दिल्ली में न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि, चुनाव आयोग जो आंकड़े रख रही है और 24 जून को लिखित अधिसूचना में जारी किए गए आंकड़े के बीच कोई समन्वय नहीं है। वह फर्जी आंकड़े हैं। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण भाजपा को चुनाव सौंपने की एक प्रक्रिया है। महाराष्ट्र में, चुनाव आयोग और भाजपा ने मिलीभगत की थी, उस पर सवाल पूछे गए थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि, बिहार में, चुनाव आयोग स्पष्ट रूप से भाजपा की मदद करने के लिए एक विशेष गहन पुनरीक्षण लाया है। हम इसका हर तरह से विरोध करते हैं। बिहार में अभी बाढ़ का समय है, ऐसे में आप किसी को दस्तावेज़ के लिए भगा रहे है, यह उचित नहीं है।
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