Prashant Kishore News: बिहार की राजनीति में वोट अधिकार यात्रा ने नया मोड़ ले लिया है। अब तक इस यात्रा को जनता का भरपूर समर्थन मिलता रहा, लेकिन दक्षिण भारत के नेताओं को मंच पर बुलाने के फैसले ने सियासी हलचल तेज कर दी है। विपक्ष ने इसे बिहार की अस्मिता से जोड़कर हमला बोल दिया है, तो दूसरी ओर जनसुराज अभियान चला रहे प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव की मंशा और व्यक्तित्व पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया है।
‘तेजस्वी ने बिहार की जनता को मारा तमाचा’
बक्सर में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि, तेजस्वी को लगता है कि बिहार की सारी जनता बेवकूफ है। जिस रेवंत रेड्डी ने बिहार के डीएनए पर सवाल उठाए, उसे मंच पर बैठा घूमा रहे हैं। आज स्टालिन बिहार आए हैं, उस समय स्टालिन कहां थे, जब उनके राज्य में बिहार के लोगों को मारा जा रहा था। आज बिहार में आकर वोट मांग रहे हैं। उन्हें यह हिम्मत कहां से मिली। यह हिम्मत तेजस्वी ने दी है। जिन्होंने उन्हें बुलाकर बिहार की जनता को तमाचा मारा है। इस कदम ने कांग्रेस और तेजस्वी का चरित्र भी दिखा दिया है।
अब डरने की जरुरत नहीं- पीके
पीके ने कहा कि, पिछले 30 साल से बिहार की जनता डर से वोट कर रही है। पहले लालू से डरकर वोट दिया। फिर नीतीश कुमार ने लालू का डर दिखाकर बिहार की जनता लूटा। लेकिन अब डरने की जरुरत नहीं है। बिहार की जनता के पास जन सुराज सबसे बड़ा विकल्प है। उन्होंने कहा कि, बिहार की युवाओं को नौकरी मांगने पर नीतीश कुमार की पुलिस अपने जूतों से रौंद रही। बिहार सरकार ने हर वर्ग पर लाठी चलाई है। अब जनता की बारी है।
भ्रष्ट नेताओं को गांव से भगाया जा रहा- पीके
प्रशांत किशोर ने कहा कि, भ्रष्ट नेताओं को गांव से दौड़ाकर भगाया जा रहा है। इसकी शुरूआत हो गई है। उन्होंने कहा कि यह वही धरती है, जहां सबसे पहले नीतीश कुमार का पथराव हुआ था, यहां की जनता क्रांतिकारी है। यह भ्रष्ट नेता जब गांव में जाएंगे तो लोग दौड़ाकर भगाएंगे।
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