सुमन शर्मा/कटिहार। जिले के प्राणपुर में जन सुराज यात्रा के तहत प्रशांत किशोर ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था और सरकारों की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लोगों से अपील की कि अब समय आ गया है कि वोट जाति और धर्म नहीं, बच्चों के भविष्य को देखकर दिया जाए।
बच्चे नौकरी के लिए भटक रहे
सभा की शुरुआत में ही प्रशांत किशोर ने बिहार के सामाजिक और शैक्षणिक हालात को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “तीन साल से गांव-गांव घूम रहा हूं, बच्चों के तन पर कपड़ा नहीं पैरों में चप्पल नहीं है। जिन नेताओं को आपने वोट दिया, उन्होंने अपने बच्चों को राजा बना दिया और आपके पढ़े-लिखे बच्चे नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
मजदूरी करने को मजबूर हैं
पीके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बिहार का वोट लेकर मोदी जी अपने राज्य गुजरात में फैक्ट्री लगवा रहे हैं, और बिहार के नौजवान वहीं मजदूरी करने को मजबूर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जनता खुद के और अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट नहीं देगी, तब तक हालात नहीं बदलेंगे।
सवाल खड़े किए
प्रशांत किशोर ने सीमांचल क्षेत्र में विकास की कमी को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि “सरकार चार किलो अनाज और थोड़ी बहुत बिजली देकर जनता की आंखों में धूल झोंक रही है, लेकिन यहां न अच्छी शिक्षा है, न स्वास्थ्य सेवाएं और न ही रोजगार के अवसर।”
बदलाव का वक्त आ गया
सभा में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए, खासकर युवा वर्ग की भागीदारी उल्लेखनीय रही। प्रशांत किशोर ने लोगों से बदलाव की शुरुआत करने का आह्वान करते हुए कहा कि “अब बिहार को बदलने का वक्त आ गया है। नीतीश कुमार, बीजेपी और लालू यादव की पार्टी के दिन अब लद चुके हैं। अब बदलाव तय है, और बेरोजगारी से मुक्ति की शुरुआत यहीं से होगी।”
बच्चों के भविष्य के लिए मतदान करें
सभा के अंत में उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि बिहार की जनता अब मंदिर और जाति के नाम पर नहीं, बल्कि अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए मतदान करेगी।
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