कुंदन कुमार, पटना. Prashant Kishor Strike: बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा फिर से करवाने की मांग को लेकर एक बार फिर आज गुरुवार को जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे छात्रों के साथ आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. इस बार प्रशांत किशोर अपनी लड़ाई को आर-पार करने के मूड में हैं. चार जनवरी को बीपीएससी ने बापू परीक्षा केंद्र पर, जो परीक्षा रद्द किया था. उसको करवाने की तैयारी में हैं. तो वहीं, आज से प्रशांत किशोर फिर धरना पर बैठ गए हैं.
पांच सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठे पीके
अनवरत धरने पर बैठे प्रशांत किशोर ने कहा है कि, यह दमनकारी सरकार छात्रों के हित में नहीं सोचती है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि, ध्वस्त होती शिक्षा और भ्रष्ट परीक्षा व्यवस्था के खिलाफ हम लोगों का यह आमरण अनशन है. साथ ही उनकी मांग है कि 70वीं बीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमिता और भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच हो और फिर से परीक्षा कराई जाए.
पीके ने कहा कि, 2015 में सात निश्चय के तहत किए वादे के अनुसार बिहार सरकार 18 से 35 साल के हर बेरोजगार युवक को बेरोजगारी भत्ता दे. पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितता और पेपर लीक की जांच एवं दोषियों पर की गई कार्रवाई पर श्वेत पत्र जारी किया जाए. अपनी चौथी मांग में उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र की जननी बिहार को लाठी तंत्र बनाने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.
जबकि आखिरी मांग में उन्होंने बिहार में सरकारी नौकरियों में युवाओं की कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की है. बता दें कि इससे पहले प्रशांत ने नीतीश सरकार को अल्टीमेट दिया था कि यदि छात्रों पर लाठी चली तो बिहार में सरकार गिरेगी.
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