नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जीत के करीब है. इसी बीच टीएमसी के राजनीतिक रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने संन्यास का ऐलान कर दिया है. वो आगे अब ये काम नहीं करेंगे. यानी चुनाव प्रबंधन का जो काम प्रशांत किशोर लंबे समय से करते चले आ रहे थे. उससे अब उन्होंने संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है.

निजी न्यूज चैनल में दिए इंटरव्यू में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि वो इस स्थान से हट रहे हैं. आगे किसी दल के लिए रणनीति नहीं बनाएंगे. यानी प्रशांत किशोर ने चुनावी प्रबंधन और IPAC का काम छोड़ने का ऐलान कर दिया है. किशोर ने कहा कि निर्वाचन भाजपा के सहयोगी की तरह काम करता रहा है. उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अपने चुनावी प्रबंधन में लड़े गए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और डीएमके की जीत से काफी खुश हैं.

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प्रशांत किशोर से जब पूछा गया कि उन्होंने ये फैसला क्यों किया, तो उन्होंने बताया कि मैं कभी भी ये काम नहीं करना चाहता था, लेकिन मैं आ गया और मैंने अपने हिस्से का काम कर लिया है. उन्होंने बताया कि I-PAC में मेरे से काफी ज्यादा काबिल लोग हैं, वो ज्यादा अच्छा काम करेंगे. इसलिए मुझे लगा कि अब मुझे ब्रेक ले लेना चाहिए.

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दरअसल प्रशांत किशोर ने दिसंबर 2020 में भविष्यवाणी करते हुए कसम खाई थी कि अगर भाजपा का प्रदर्शन इससे बेहतर रहा तो वह ट्विटर छोड़ देंगे. यही नहीं बाद में उन्होंने यहां तक कहा था कि यदि भाजपा 99 सीटों से ज्यादा बंगाल में जीत जाती है, तो वह अपना पेशा तक छोड़ देंगे.

उन्होंने ट्वीट किया था कि मीडिया के कुछ हलकों में बंगाल चुनाव में भाजपा को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है, जबकि सच ये है कि भाजपा दोहरे अंक में भी सीट जीतने के लिए कड़ा संघर्ष करेगी. कृप्या मेरे इस ट्वीट को सेव कर लें और अगर भाजपा ने इससे बेहतर किया, तो मैं से स्पेस (ट्वीटर) छोड़ दूंगा. उनके इस दावे के बाद भाजपा नेताओं ने उनकी खिल्ली उड़ाते हुए काफी आलोचना भी की थी.

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