Bihar Politics: जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर इन दिनों अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ पर हैं, जिसके तहत वह प्रदेश के विभिन्न जिलों और प्रखंडों में यात्रा कर लोगों से लगातार संवाद कर रहे हैं. इसी क्रम में आज शनिवार (21 जून) को वह वैशाली और समस्तीपुर पहुंचे, जहां वैशाली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला.

‘जन सुराज से बड़ा कोई राजनीतिक संगठन नहीं’

प्रशांत किशोर ने जन सुराज की राजनीतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज अभियान ने एक राजनीतिक दल का रूप लिया. उन्होंने दावा किया कि मात्र 7-8 महीनों में जन सुराज बिहार में किसी भी अन्य राजनीतिक दल से बड़ा संगठन बन चुका है.

उनके अनुसार, करीब 1 करोड़ लोगों ने मिलकर इस पार्टी का गठन किया है, और हर महीने 3 से 4 लाख लोग 10 रुपये की सदस्यता शुल्क देकर इसके प्राथमिक सदस्य बन रहे हैं. ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के बारे में उन्होंने कहा कि, यह यात्रा 20 मई को जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि सिताब दियारा से शुरू की गई थी, जिसका मकसद बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लिए जनता को जागरूक करना है.

2000 पेंशन राशि बढ़ाने का किया वादा

इस दौरान प्रशांत किशोर ने बिहार के लाखों बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन में हाल ही में की गई बढ़ोतरी के लिए बधाई दी और इसे जन सुराज के दबाव का नतीजा बताया. उन्होंने कहा कि, नीतीश कुमार की सरकार ने उनकी मांगों के दबाव में पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये किया है. उन्होंने वादा किया कि नवंबर में जन सुराज की सरकार बनने पर इसे और बढ़ाकर 2000 रुपये किया जाएगा. किशोर ने कहा कि, पिछले ढाई साल से वे इस मुद्दे को उठा रहे थे, क्योंकि महंगाई के इस दौर में 400 रुपये की पेंशन नाकाफी थी.

उन्होंने इसे लोकतंत्र की ताकत बताया और कहा कि, जन सुराज के उभरने से अन्य दलों में यह डर पैदा हुआ है कि अगर वे काम नहीं करेंगे, तो जनता उन्हें वोट नहीं देगी. उन्होंने कहा कि, अब तक बेहतर विकल्प के अभाव में लोग मजबूरी में वोट देते थे, लेकिन जन सुराज के आने से यह ‘राजनीतिक बंधुआ मजदूरी’ खत्म हो रही है.

ये भी पढ़ें- …तो CM नीतीश नहीं अमित शाह तय करेंगे JDU से कौन-कौन लड़ेगा चुनाव! तेजस्वी के इस दावे पर बिहार में आ सकता है सियासी तूफान