पटना। बिहार में बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा फिर से आयोजित करने की मांग को लेकर आंदोलन जारी है। इस बीच जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि यहां एडीएम आए थे, जिन्होंने मुझसे कहा कि आंदोलन वापस ले लीजिए, लेकिन मैंने उन्हें बता दिया कि ये मेरे लिए संभव नहीं है। इतने लोगों ने मुझ पर विश्वास किया है, हम पीछे नहीं हट सकते।

प्रशांत किशोर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि 29 दिसंबर को प्रशासन ने छात्रों पर लाठी चलाई। अब किसी भी हालत में मैं प्रशासन के कहने से आंदोलन वापस नहीं लूंगा। बच्चों से मुख्यमंत्री सीधे मुलाकात करें। सीएम 5 छात्र चुन सकते हैं। मुख्यमंत्री का अहंकार इतना है कि वे कह रहे हैं हम नहीं मिलेंगे। हम लोगों की भी जिद है कि उन्हें मिलना ही पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने आमरण अनशन पर यहां अपने साथियों के साथ बैठा हूं और आगे भी बैठा रहूंगा।

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इधर, राजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा कि जो परीक्षा हुई थी उसमें छात्रों को प्रश्न पत्र देर से मिला और बिल्कुल समय पर ले लिया गया, तो उन्हें समय देना चाहिए था और अगर समय नहीं मिला तो उसकी दोबारा परीक्षा होनी चाहिए थी। ऐसा लगता है कि जैसे बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। छात्रों, किसानों, बेरोजगारों की कोई नहीं सुन रहा है। बिहार में चुनाव है, मुझे लगता है कि सही समय पर लोग सही सरकार चुनने जा रहे हैं। बाकी सब लोग राजनीति कर रहे हैं, हमारा यही कहना है कि अभी छात्रों के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।

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गौरतलब है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 17वीं पीटी परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाकर अभ्यर्थी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले 17 दिनों से अभ्यर्थी 1गर्दनीबाग में धरना स्थल पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि पूरे सेंटर की परीक्षा रद्द हो और री-एग्जाम कराया जाए। इसे लेकर BPSC अभ्यर्थियों का विरोध जारी है।