दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से भाजपा नेता प्रवेश वर्मा चुनाव जीता था, प्रवेश ने दावा किया कि राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर ऑफर दिया था. प्रवेश वर्मा ने कहा कि 2007 में मेरे पिता का देहांत हुआ था, इसके बाद पार्टी ने मुझे 2008 और 2009 में टिकट नहीं दिया तो राहुल गांधी ने मुझे ऑफर दिया था. उनका कहना था कि आप हमारी पार्टी से लोकसभा या विधानसभा का टिकट लड़ लीजिए, लेकिन मैंने साफ इनकार कर दिया. उनका कहना था कि आपका RSS का बैकग्राउंड है, इसलिए राहुल गांधी को उम्मीद थी कि आप पाला बदल लेंगे. प्रवेश वर्मा ने कहा कि हमारे घर के आसपास थे और शाम को खाना खाने के बाद टहलते हुए मुलाकात भी होती थी. यह एक अच्छी बात थी, तो शायद उन्होंने सोचा होगा कि मुझे वह पटा सकते हैं , लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
पॉडकास्ट में उनसे पूछा गया कि क्या RSS भी आपकी विधानसभा सीट पर प्रचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि वास्तव में, भाजपा ने अब तक किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में आरएसएस के बिना जीत नहीं हासिल की है. जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक इंटरव्यू में कहा कि हमें आरएसएस की जरूरत अब नहीं है क्योंकि पहले हम एक छोटी पार्टी हुआ करते थे और आरएसएस की छत्रछाया में आगे बढ़ते थे, लेकिन अब पार्टी बड़ी हो गई है और हमें उसकी जरूरत नहीं है. संघ में भी इस पर आपत्ति थी.
पश्चिम दिल्ली से चुनाव लड़ने के बाद भी नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने पर प्रवेश वर्मा ने कहा कि हम लोग निर्णय नहीं लेते हैं; मैं दिल्ली का बेटा हूं, यहीं पैदा हुआ, पढ़ा-लिखा और जनता की सेवा की, यहीं मरना है. मैं अरविंद केजरीवाल की तरह दिल्ली का दामाद नहीं हूं, जो सब लूटकर खा ले. वर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों के आधार कार्ड बनाए हैं और उनके सभी दस्तावेज बनाए हैं, साथ ही पैसे बांटने के आरोपों पर कहा कि मैं सिर्फ बांट रहा हूं, थोड़ी लूट कर रहा हूं. मैंने वोटर कार्ड देखकर पैसे बांटे कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों को कुछ न दें.
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