उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर सोमवार को प्रतियोगी छात्रों ने धरना प्रदर्शन किया. पीसीएस, आरओ-एआरओ सहित विभिन्न परीक्षाओं में कटआफ, प्राप्तांक और संशोधित उत्तर कुंजी सार्वजनिक न किए जाने से नाराज छात्रों ने पारदर्शिता और अपने अधिकारों की मांग को लेकर ये प्रदर्शन किया. स्थिति को देखते हुए आयोग परिसर और उसके आसपास भारी संख्या में तैनात पुलिस बल ने छात्राें को धरना स्थल से खदेड़ दिया. इसे लेकिर अखिलेश यादव ने निशाना साधा है.
‘बेरोजगारी की पीड़ा से गुजर रहे युवाओं के साथ अमानवीय तरीके से मारपीट और बाल पकड़कर अपमानित करने का जो काम उप्र की भाजपा सरकार कर रही है, वो दरअसल भाजपा का सत्ता का अहंकार है, जो अमानुषिक बनकर अपनी ताकत दिखा रहा है. भाजपा ये न भूले कि पढ़नेवाले युवा लड़ना नहीं चाहते हैं, वो तो बस साफ-सुथरे तरीके से नौकरी की प्रक्रिया का शुद्धीकरण करवाने की मांग कर रहे हैं.’
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अखिलेश ने आगे कहा कि ‘हम प्रतियोगी अभ्यर्थियों के साथ नैतिक बल बनकर खड़े हैं. हम उप्र लोक सेवा आयोग की दोषपूर्ण परीक्षा प्रणाली और भ्रष्ट चयन प्रक्रिया पर लग रहे आरोपों के संदर्भ में एक SIR की पुरजोर मांग करते हैं. भाजपा को इस बर्बरतापूर्ण व्यवहार के लिए युवा कभी माफ़ नहीं करेंगे. भाजपा के एजेंडे में नौकरी है ही नहीं. भाजपा जाए तो नौकरी आए.’
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