सुबह उठकर कुछ मिनट पूजा करना आपको मानसिक तौर पर मजबूत बनाता है. पूजा करने का मतलब ये नहीं की आप अंधविश्वास मानते हो. या आप मूर्तिपूजा करते हो. पूजा करना मतलब खुद से बात करना. खुद को मानसिक तौर पर शांत करना. रोज सुबह दस मिनट पूजा करने से दिमाग शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है. जो बच्चे सुबह उठकर दस मिनट प्रार्थना करते हैं वो दूसरे बच्चों की तुलना में पढ़ाई में ज्यादा तेज होते हैं. प्रार्थना मन के साथ-साथ शरीर को भी स्वस्थ रखती है. नियमित रुप से पूजा और प्रार्थना करने से मन में सकारात्क ऊर्जा बढ़ती है. नियमित सच्चे मन से प्रार्थना करने से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है.

कभी-कभी लगता है कि वह ईश्वर से प्रार्थना तो खूब कर रहा है लेकिन ये सुनी नहीं जा रही हैं. अगर आप इस स्थिति में हैं तो हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों कभी कभी प्रार्थनाएं नाकाम हो जाती हैं. पहले आप यह समझ लीजिए कि व्यवसाय और लेन-देन की तरह की प्रार्थना भी असफल होती है.

प्रार्थना के नाकाम होने की कुछ वजहें हैं

  • आहार और व्यवहार पर नियंत्रण न रखने से प्रार्थना नाकाम होती है.
  • माता-पिता का सम्मान न करने से प्रार्थना असफल होती है.
  • प्रार्थना से आपका ही नुकसान हो रहा हो तो भी प्रार्थना नाकाम हो जाती है.
  • अतार्किक प्रार्थना भी असफल हो जाती है.

सही तरीके से की गई प्रार्थना जीवन में चमत्कारी बदलाव लाती है

  • प्रार्थना सरल और साफ तरीके से की जानी चाहिए और आसानी से बोली जाने वाली प्रार्थना करनी चाहिए.
  • शांत वातावरण में प्रार्थना करना सबसे बढ़िया होता है.
  • खासतौर पर मध्य रात्रि में प्रार्थना जल्दी स्वीकार हो जाती है.
  • प्रार्थना को रोज एक ही समय पर करना अच्छा होता है.
  • वहीं दूसरे के नुकसान के उद्देश्य से या फिर अतार्किक प्रार्थना मत करें.
  • दूसरे के लिए प्रार्थना करने से पहले उसके बारे में सोचें और फिर प्रार्थना शुरू करें.

आपकी प्रार्थना आपके ईष्ट स्वीकार करें, इसके लिए कुछ नियमों के साथ प्रार्थना करनी चाहिए. जानें इन नियमों के बारे में

  • सबसे पहले एक एकांत स्थान में बैठें.
  • उसके बाद अपनी रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखें.
  • फिर सबसे पहले अपने ईष्ट, गुरु या ईश्वर का ध्यान करें.
  • उसके बाद जो प्रार्थना करनी है, उसे करें.
  • अपनी प्रार्थना को गोपनीय ही रखें.
  • जब भी मौका मिले, अपनी प्रार्थना दोहराते रहें.

अगर आपने इन तरीकों से सच्चे मन से प्रार्थना की तो यकीनन आपकी मनोकामना पूरी होगी.

अपने इष्टदेव को जानकारी प्रार्थना करनी चाहिए. सभी व्यक्ति के लिए उनके इष्टदेव अथवा जाग्रत देव अलग-अलग होते हैं. इसलिए अपनी कुंडली में इष्टदेव के बारे में जानकारी लेकर उस इष्टदेव की पूजा करनी चाहिए. इस पूजा का पूर्ण लाभ प्राप्त हो इसके लिए अपने इष्टदेव की पूजा का सही समय, विधि, और मंत्र का पालन करते हुए अगर प्रार्थना करेंगे तो जरूर उस प्रार्थना का पूर्ण फल प्राप्त होगा.