कपिल मिश्रा, शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिला अस्पताल से शर्मनाक तस्वीर निकलकर सामने आई है। जिला अस्पताल में गर्भवती को वार्ड में ले जाने के लिए परिजन पूरे अस्पताल में घूम-घूमकर स्ट्रेचर ढूंढते रहे। लेकिन स्ट्रेचर नहीं मिला। लेबर पेन बढ़ने पर गर्भवती ने शिवपुरी जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर के प्रांगण में बच्ची को जन्म दिया। वहीं स्वास्थ्य कर्मी सिर्फ तमाशा बनकर देखते रहे। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

दरअसल ग्राम करमाच की रहने वाली प्रसूता राजकुमारी को आज सुबह लेबर पेन हुआ। इसके बाद परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को बुलाया। लेकिन देर रात हुई अधिक बारिश के कारण 108 एम्बुलेंस मौके तक नहीं पहुँच सकी। इसके बाद परिजनों को गांव की नदी को पार करके एम्बुलेंस तक पहंचे। इसके बाद प्रसूता राजकुमारी को अस्पताल लेकर पहुंचे।

अस्पताल समय पहुंचने पर परिजन राजकुमारी को भर्ती करने के पर्चे तैयार ही करवा रहे थे कि प्रसूता को लेबर पेन बहुत बढ़ गया। मौके पर परिजनों ने मदद की गुहार भी लगाई। ऐसे हालातों में परिजनों ने स्ट्रेचर को भी तलाशा पर परिजनों को स्ट्रेचर भी नहीं मिल सका। इसके चलते गर्भवती ने ट्रामा सेंटर के प्रांगण में खुले में ही बच्ची को जन्म दे दिया।

जन्म के बाद स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं की

लापरवाही की एक ओर बानगी बच्ची के जन्म के बाद भी देखी गई। बच्ची के जन्म के बाद भी स्वास्थ्य कर्मी उसे स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं करा सके। प्रसूता को व्हील चेयर पर बैठाकर जच्चा-बच्चा को वार्ड में लेकर गए।

अस्पताल में स्ट्रेचर की कोई कमी नहीः सिविल सर्जन

वहीं स्ट्रेचर की कमी को एक सिरे से खारिज करते हुए सिविल सर्जन राज कुमार ऋषिवर ने कहा कि अस्पताल में स्ट्रेचर की कोई कमी नहीं है। मरीजों के परिजन स्ट्रेचर को ले जाते हैं और वार्ड में ही छोड़ आते हैं। चूंकि वार्ड बॉय ओर स्टाफ की कमी है। इसके चलते कई बार लाने में देरी हो जाती है। वहीं ट्रॉमा सेंटर में महिला की डिलेवरी में सही समय पर नहीं लाया गया, जिसके चलते प्रसूता की डिलिवरी ट्रामा सेंटर के प्रांगण में ही हो गई।