मनोज यादव, कोरबा. समय पर 102 महतारी और 108 एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिलने के कारण गर्भवती महिला को समय पर इलाज नहीं मिल सका. जिसके कारण महिला और उसके पेट में पल रहे मासूम की मौत हो गई है. ऐसे में एक बार फिर स्वास्थ्य सुविधाओं के खोखले और झूठे दावों की पोल खुल गई है. वहीं इस घटना के बाद परिजनों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है.

बता दें कि, विकासखंड कोरबा अंतर्गत श्यांग क्षेत्र के डूमरडीह में रहने वाले बलिंदर सिंह की 37 वर्षीय पत्नी फूलवती यादव गर्भवती थी और उसका प्रसव नजदीक था. परिजनों के मुताबिक नजदीकी केंद्र में उसका उपचार कराया जा रहा था. एक दिन पहले महिला को दर्द उठने पर परिजन हरकत में आए. जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाने के लिए महतारी एक्सप्रेस 102 और 108 पर संपर्क किया, लेकिन 1 घंटे के प्रयास में भी सुविधा उपलब्ध नहीं हुई.

इसके बाद परिजनों ने स्थानीय स्तर से वाहन की व्यवस्था कराई और महिला को उप स्वास्थ्य केंद्र बासीन भिजवाया. बताया गया कि कोई सुधार नहीं होने पर महिला को कोरबा भेजने की व्यवस्था की गई और मालूम चला कि गर्भस्थ शिशु का एक पैर बाहर आ गया है, लेकिन महिला जीवित नहीं है.

गांव में मितानीन का काम करने वाली विमला ने बताया कि पीड़िता को अस्पताल ले जाने के दौरान वह साथ में थी और उस पर लगातार नजर बनाए रखी लेकिन उसकी मौत हो गई.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी एस एन केसरी ने बताया कि मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है आखिर गर्भवती महिला की मौत कैसे हुई है इसके लिए जांच के निर्देश दिए गए हैं.

इससे पहले भी एंबुलेंस सेवा का लाभ जरूरतमंदों को समय पर नहीं मिलने के कारण इस प्रकार की घटनाएं हो चुकी है. जिसके कारण कई जिंदगी खत्म हुई हैं. बार-बार की शिकायतों के बावजूद जिले में सरकार एंबुलेंस सेवा की समयबद्धता और लाभ की गारंटी सुनिश्चित नहीं हो पा रही है.