गर्भवती महिला अधिकतर शुरुआती दिनों में इस तरह की लापरवाही कर देते ही जिससे मिसकैरेज का जोखिम बढ़ जाता है. महिलाओं को अक्सर चेतावनी दी जाती है कि प्लास्टिक के बर्तनों में गर्म खाना खाने से मिसकैरेज हो सकता है. स्टैनफोर्ड यूनिविर्सटी द्वारा करवाई गई स्टडी के अनुसार पता चला था कि प्लास्टिक के बर्तनों में कई केमिकल पाए जाते हैं, जो मिसकैरेज के जोखिम को बढ़ा देते हैं. इस पीरियड में खाना खाने को लेकर प्रेग्नेंट महिलाओं को कई तरह की सलाह दी जाती है.

बीपीए नामक केमिकल गर्म होते ही रिलीज हो जाता है

प्लास्टिक के बर्तनों में बिस्फेनॉल यानि बीपीए नामक केमिकल होता है. जब आप इन बर्तनों को हाई टेंपरेचर पर गर्म करते हैं, तो ये केमिकल बर्तन से खाने में रिलीज हो जाता है. पानी की बोतल, फ्लोरिंग, फूड और ड्रिंक कंटेनरों में बीपीए बहुत पाया जाता है. जब ऐसे बर्तनों को तेज तापमान पर गर्म किया जाता है या एसिडिक या एल्केलाइन कंडीशन में रखा जाता है तो इससे बीपीए मोनोमर रिलीज हो सकता है. Read More – बच्चों को इस तरह सीखाएं किचन के ये छोटे-छोटे काम, साथ ही बनाएं उन्हें सेल्फ डिपेंडेंट …

छोटे बच्चों को भी खतर अत्याधिक होता है

छोटे बच्चों की देखभाल के समय कई कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है. बच्चों की सेहत को लेकर माता सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं और इसी जद्दोजहद में लगी रहती है. किस तरह बच्चे को पूरा पोषण मिल सके. लेकिन छोटे बच्चों को प्लास्टिक बर्तन में अधिक गर्म खाना देना खतरनाक हो सकता है. प्लास्टिक का कुछ अंश पिघलकर भोजन को जहरीला बना सकता है. यह कैमिकल हार्मोंस अंसतुलन पैदा करते हैं, जिससे की हार्मोंस सही से काम करने की क्षमता खो देते हैं. Read More – Sidharth Malhotra और Kiara Advani की हो गई परमानेंट बुकिंग, शादी के बाद रोमांस में डूबा दिखा नया जोड़ा …

एक्सपर्ट्स बनाते हैं

एक्सपट्र्स बताते हैं कि लंबे समय तक प्लास्टिक के बर्तनों में खाने से कैंसर का कारण बन सकता है. बीपीए एक ऐसा केमिकल है, जो इंसान के शरीर में एस्ट्रोजेन जैसे हार्मोन्स को असंतुलित कर देता है. इस वजह के कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. हार्मोन असंतुलित होने से मूड स्विंग, चिंता-तनाव, चिड़चिड़ापन वगैरह हो सकता है. तेज रोशनी से एलर्जी, कार्डियोवस्क्युलर डिजीज और कैंसर का भी खतरा बढ़ता है.