श्रीगंगानगर. राजस्थान में श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों सहित पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में पंजाब से इंदिरा गांधी नहर, गंग नहर और भाखड़ा नहर योजना के जरिये आ रहे जहरीले पानी की रोकथाम को लेकर एक बार फिर आंदोलन की तैयारी शुरू हो गई है.

इस संबंध में श्रीगंगानगर में रेलवे स्टेशन रोड पर गुरुद्वारा सिंह सभा में एक बैठक आयोजित की गई. अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रवक्ता और जन आंदोलन समिति के सह संयोजक रवीन्द्र तरखान ने बताया कि एक दशक से श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिलों के लोग नहरों में जहरीले पानी की रोकथाम की मांग को लेकर आंदोलन कर चुके हैं.

उन्होंने बताया कि लुधियाना सहित कई शहरों के सीवरेज और औद्योगिक इकाइयों का रसायनयुक्त पानी बुड्ढा नाला के जरिए सतलुज ब्यास दरिया में छोड़ा जाता है. यही पानी फिर इंदिरा गांधी नहर और अन्य नहरों से राजस्थान में पहुंच रहा है. रवीन्द्र ने बताया कि पानी से जहां फसलों की सिंचाई की जाती है, वहीं इसी पानी की जलदाय विभाग के जरिये पेयजल के लिये घरों में भी आपूर्ति की जाती है. यही पानी पशु पक्षी भी पीते हैं.

हाल ही में गंगनहर में पंजाब से पानी के साथ हजारों की तादाद में मृत मुर्गे और मुर्गियों के शव श्रीगंगानगर जिले की नहरों में पहुंचे. इस पर जिला कलेक्टर लोक बंधु ने गंभीर संज्ञान लिया. उन्होंने पंजाब के संबंधित जिलों के अधिकारियों से फोन पर बात की. उनको पत्र लिखकर मृत मुर्गे – मुर्गियां नहर में डालने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि 6 जून को होने वाली पहली बैठक के बाद जिला कलैक्टर को मांग पत्र सौंपा जाएगा. उसके बाद आंदोलन की आगामी रणनीति तैयार की जाएगी.

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