चारधाम यात्रा 2025 और हरिद्वार में 2027 में होने जा रहे कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं सिंचाई डॉ. आर. राजेश कुमार ने हरिद्वार पहुंचकर संबंधित अधिकारियों के साथ व्यापक स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान प्रस्तावित घाटों, सड़कों, पुलों, निर्माण कार्यों और बुनियादी ढांचे की तैयारियों का जायजा लिया गया.

डॉ. कुमार ने कहा कि सीएम धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और सभी कार्य निर्धारित समयसीमा और उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं. उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी/मेलाधिकारी, उप-जिलाधिकारी, मुख्य अभियंता सिंचाई और सिंचाई अभियंता भी मौजूद रहे.

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ही डॉ. आर. राजेश कुमार ने डामकोठी में एक उच्चस्तरीय बैठक भी ली जिसमें अर्धकुंभ को कुंभ मेले की तर्ज पर दिव्य और भव्य तरीके से कराने की रूपरेखा पर चर्चा की गई. उन्होंने निर्देश दिए कि गंगा स्नान और दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए 104 घाटों (कुल लंबाई 12.3 किमी) की मरम्मत और सौंदर्यीकरण चरणबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए. घाटों की प्राथमिकता तय कर कार्य को समयबद्ध और सुरक्षित तरीके से अंजाम देने पर जोर दिया गया.

25 मेडिकल रिलीफ पोस्ट स्थापित

सचिव ने मायापुर बैराज से जटवाड़ा पुल तक लगभग 3.5 किमी और वैरागी कैंप क्षेत्र में लगभग 2 किमी नए घाटों के निर्माण के लिए ठोस और वैज्ञानिक प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए. उन्होंने स्लोब की स्थिरता, संरचनात्मक सामर्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए नए घाटों के निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया. चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों का निरीक्षण करने बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ. आर. राजेश कुमार ने चारधाम यात्रा 2025 की स्वास्थ्य तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार 25 मेडिकल रिलीफ पोस्ट स्थापित किए जा रहे हैं. 50 स्क्रीनिंग पॉइंट पर स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे और 50 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों की अनिवार्य स्क्रीनिंग की जाएगी.

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उन्होंने बताया कि पिछले साल करीब 9.50 लाख यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई थी और इस बार इससे भी अधिक संख्या में स्क्रीनिंग किए जाने की उम्मीद है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा 60 विशेषज्ञ डॉक्टर, 40 एमबीबीएस डॉक्टर और भारत सरकार से विभिन्न एम्स संस्थानों से 16 विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं और आने वाले समय में 20-30 और विशेषज्ञ मिलने की संभावना है. बदरीनाथ रूट पर 5 अतिरिक्त मेडिकल रिलीफ पोस्ट और यमुनोत्री रूट पर 2 अतिरिक्त मेडिकल रिलीफ पोस्ट स्थापित किए जा रहे हैं ताकि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें.